Kanjhawala Case: एक्सीडेंट के पहले और एक्सीडेंट के बाद क्या-क्या हुआ

Kanjhawala Case: What happened before and after the accident

नई दिल्ली: दिल्ली के कंझावला कांड (Kanjhawala Case) में जिस तरह से एक युवती को कार सवार आरोपियों ने 13 किमी से भी ज्यादा दूरी तक कार से घसीटा उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस मामले की जांच आगे बढ़ रही है, कई नए खुलासे हो रहे हैं। इस पूरे मामले की इकलौती चश्मदीद गवाह मृतका की दोस्त के बयान के बाद इस केस में एक नई बहस छिड़ गई है। जहां एक पक्ष आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहा है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मृतका चरित्र पर प्रश्न उठा रहे हैं। ऐसे में इस पूरी घटना को दो हिस्सों में समझने की जरूरत है। एक हादसे से पहले की घटनाएं और दूसरा जिसमें स्कूटी और कार के एक्सीडेंट के बाद क्या हुआ वह हिस्सा होगा।

जानते हैं इस पूरे मामले में अब क्या सवाल उठ रहे हैं-

स्कूटी और कार के एक्सीडेंट से पहले क्या हुआ

सुल्तानपुरी मामले में मृतका की सहेली ने पुलिस को दिए बयान में बड़ा खुलासा किया है। उसने बताया है कि कार से टकराने से पहले उनकी स्कूटी ट्रक से टकराते-टकराते बची थी। उसने दावा किया कि घटना के समय मृतका ने काफी शराब पी रखी थी। वह होश में नहीं थी। घर आने के दौरान वह स्कूटी चला रही थी। उसने बताया कि ट्रक से टकराने के दौरान किसी तरह से हादसे को टाल दिया था।

कार चालक ने जानबूझकर मारी टक्कर

दोस्त की मानें तो घटना के समय कार सामने से आ रही थी और सामने से टक्कर होने के बाद मृतका कार के नीचे फंस गई। उसे चोट नहीं लगी थी। कार पर काला शीशा चढ़ा हुआ था। वह कार के अंदर कुछ देख नहीं पाई। अपने बयान में उसने दावा किया कि कार में कोई संगीत नहीं बज रहा था। आरोपियों को पूरी जानकारी थी कि उनकी गाड़ी के नीचे एक लड़की फंस गई है। उसने बताया कि कार चालक ने जानबूझकर स्कूटी में टक्कर मारी थी। गाड़ी में बैठे आरोपियों ने जान बूझकर उसकी सहेली को इतने किलोमीटर तक घसीटा।

घटना से पहले होटल में थी मृतका

जांच के दौरान पुलिस मृतका के घर आने के रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच करते हुए रोहिणी के सेक्टर- 23 के उस ओयो होटल तक पहुंच गई, जहां से घटना वाली रात मृतका अपनी स्कूटी से घर के लिए निकली थी। होटल में छानबीन करने पर पता चला कि मृतका अपनी सहेली के साथ होटल में पार्टी मनाने आई थी और लड़कियों ने ही कमरा बुक किया था। देर रात उनके कुछ पुरुष दोस्त भी मिलने आए थे। इस दौरान दोनों युवतियों में लड़ाई हो गई। दोनों एक-दूसरे को गालियां दे रही थीं। मैनेजर ने दूसरे ग्राहकों के परेशान होने की बात कहकर उन्हें होटल से निकाल दिया।

मैनेजर अनिल की मानें तो वह एक माह से होटल में काम कर रहा है, उसने मृतका को पहले भी होटल में कमरा बुक करवाते देखा है। युवती अपने दोस्तों के साथ यहां आती थी। कर्मचारी ने बताया कि उस रात दोनों सहेलियों ने होटल में पार्टी की थी और शराब भी पी थी। होटल से निकाले जाने पर वह एक-दूसरे को गाली देते हुए नीचे चली गईं।

कार और स्कूटी की टक्कर के बाद क्या हुआ

किशन विहार में सिर्फ 25 सेकंड में हुई इस दुर्घटना में मृतका अगले बंपर और पहियों के बीच फंस गई थी। कार सवार आरोपियों को पता था कि उन्होंने स्कूटी सवार युवतियों को टक्कर मार दी है। इसके बाद ये मौके से भाग लिए। घटनास्थल से ढाई किलोमीटर चलने के बाद आरोपियों को लगा कि कार में कुछ अटका हुआ है। इन्होंने बाहर झांककर देखा तो कार के नीचे बाहर निकला युवती का हाथ दिखाई दिया। वह कार से उतरने लगे तभी उन्होंने कुछ दूरी पर पीसीआर गाड़ी खड़ी देखी। इसके बाद आरोपी मौके से भाग खड़े हुए।

शरीर में नहीं बचा था एक बूंद भी खून

मौके पर पहुंची पुलिस ने जब युवती का शव देखा तो दिल दहल गया। शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। पिछला हिस्सा सड़क की रगड़ लगने से जलकर गायब हो चुका था। शरीर में खून की एक भी बूंद नहीं बची थी। शरीर की शायद ही कोई ऐसी हड्डी बची हो जो न टूटी हो। एक पैर भी गायब था। दूसरा पैर पूरी तरह टूटकर घूम चुका था। पीठ में रगड़ लगने से शरीर में गड्ढा हो गया था। पीछे की ओर से शरीर के अंदरूनी पार्ट भी गायब थे।

PCR देख मौके से भागे आरोपी

आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि PCR को देखकर वह मौके से भाग खड़े हुए। इसके बाद वह कार को घुमाते हुए सुनसान जगह पर पहुंच गए। इस दौरान कार सुल्तानपुरी, अमन विहार, प्रेम नगर व कंझावला थाना इलाके से गुजरी। आरोपियों को दो पिकेट मिलीं। जब आरोपियों को लगा कि युवती कार से गिरी नहीं है तो उन्होंने कार से जानबूझकर दो बार यू-टर्न लिया। दूसरे यू-टर्न में युवती कार से नीचे गिर गई।

मृतका के चरित्र पर उंगली उठाना उसके मौत को जायज ठहराता है?

इस पूरी घटना पर नजर डालें तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर दोनों लड़कियों ने झगड़ा किया तो क्या देर रात होटल से बाहर निकालना कितना उचित था? उनकी लड़ाई किसी को नागवार लग रही थी तो पुलिस को कॉल नहीं करना चाहिए था? और युवती के चरित्र व चाल-चलन को गलत भी मान लें तो क्या जिस तरह से उसकी मौत हुई उसे उचित ठहराया जा सकता है? अगर मृतका शराब पीकर भी स्कूटी चला रही थी तो क्या उसका 13 किलोमीटर तक कार के अगले पहिए और बंपर के बीच फंसकर सड़क पर घिसटते रहना जायज ठहराया जा सकता है? क्या शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए उसे इतनी दर्दनाक मौत मिलनी चाहिए थी? जिस तरह से आरोपियों को शुरुआत में ही पता चल गया था कि उनकी कार में कोई फंसा है उन्हें कार रोककर उसे निकालना नहीं चाहिए था? 13 किलोमीटर के लंबे रास्ते में 5 पीसीआर वैन आखिर क्या कर रही थीं?

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