नई दिल्ली: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की कंपनियों की वाट लगा कर रख दी थी। रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। जहां एक तरफ निवेशक अडानी ग्रुप की कंपनियों को साथ छोड़ रहे थे तो वहीं, दूसरी तरफ संसद से सड़क तक इस रिपोर्ट को लेकर काफी हंगामा हुआ था। इस दौरान लगातार अडानी ग्रुप की कंपनियों में LIC के निवेश पर सवाल खड़े किए जा रहे थे पर एलआईसी अपने निवेश और अडानी ग्रुप की कंपनियों के प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आ रहा है। वजह यह है कि सरकारी बीमा कंपनी ने अडानी एंटरप्राइजेज के लाखों शेयर मार्च तिमाही के दौरान खरीदे हैं।
अडानी एंटरप्राइजेज में LIC की कितनी हुई हिस्सेदारी?
एलआईसी ने पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज के 3,57,500 शेयर खरीदे थे। इस खरीदारी के बाद अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 4.26 फीसदी हो गई है। जबकि दिसंबर 2023 तक अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.26 फीसदी थी।
छोटे निवेशकों का भी भरोसा अडानी एंटरप्राइजेज पर बढ़ा
सिर्फ एलाईसी ही नहीं अडानी एंटरप्राइजेज पर रिटेल निवेशकों ने भी भरोसा दिखाया है। ऐसे निवेशक जिनका इनवेस्टमेंट 2 लाख रुपये से कम उनकी कंपनी में हिस्सेदारी 3 गुना बढ़ गई है। रिटले निवेशकों की अडानी एंटरप्राइजेज में कुल हिस्सेदारी बढ़कर 3.41 फीसदी हो गई है। बता दें कि दिसंबर तिमाही तक अडानी एंटरप्राइजेज में रिटेल निवेशकों (2 लाख रुपये से कम का निवेश करने वाले) की कुल हिस्सेदारी 1.86 फीसदी थी।
इन कंपनियों पर भी LIC ने जताया भरोसा
अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा अडानी ग्रीन नें रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 1.06 प्रतिशत से बढ़कर 2.33 प्रतिशत हो गई है। अडानी पोर्ट्स में 2.86 प्रतिशत से बढ़कर 4.1 प्रतिशत, अम्बुजा सीमेंट में 5.52 प्रतिशत से 7.23 प्रतिशत और एनडीटीवी में 14.11 प्रतिशत से बढ़कर 17.54 प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई है। अलावा इसके अडानी ट्रांसमिशन में 0.77 प्रतिशत से बढ़कर 1.36 प्रतिशत, अडानी विल्मर में 8.94 प्रतिशत से बढ़कर 9.49 प्रतिशत और अडानी टोटल गैस में रिेटेल निवेशकों की कुल हिस्सेदारी मार्च तिमाही में 1.55 प्रतिशत से बढ़कर 2.39 प्रतिशत हो गई है।