नई दिल्ली: टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के निर्देश पर देश की दूसरी एजेंसियों ने एक बार फिर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। आठ राज्यों में छापेमारी के दौरान 150 से ज्यादा PFI के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है। मालूम हो कि जिन राज्यों में छापेमारी की जा रही है उसमें दिल्ली, यूपी, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के नाम शामिल हैं।
PFI और SDPI के 75 सदस्य हिरासत में
कर्नाटक से SDPI यादगिरि जिला अध्यक्ष सहित 75 से अधिक पीएफआई और SDPI कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पूरे राज्य में पुलिस की छापेमारी चल रही है। सभी के खिलाफ धारा 108, 151 सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
असम से PFI से जुड़े 25 लोगों की गिरफ्तारी
कर्नाटक के अलावा असम से भी पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पीएफआई के खिलाफ कई जिलों में छापेमारी अभी भी जारी है। इस बात की जानकारी असम के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने दी है। इससे पहले, असम पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं के 11 नेताओं और दिल्ली से एक नेता को गिरफ्तार किया था।
यूपी में एक दर्जन PFI नेता हिरासत में
उत्तर प्रदेश और यूपी एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान में राज्य भर में रेड कर एक दर्जन से ज्यादा PFI नेताओं को हिरासत में लिया है।
दिल्ली में 30 से अधिक PFI सदस्य हिरासत में
दिल्ली के निजामुद्दीन, शाहीन बाग इलाके सहित दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में PFI से जुड़े स्थानों पर केंद्रीय एजेंसी और दिल्ली पुलिस द्वारा संयुक्त छापेमारी चल रही है। 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से कड़ी पूछताछ की जा रही है। वहीं, अब छापेमारी के मद्देनजर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र में नासिक पुलिस ने पीएफआई से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। मालेगांव कस्बे में भी छापेमारी जारी है।
मध्यप्रदेश में भी एटीएस ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत आठ जिलों में पीएफआई सदस्यों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर 22 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस को इन संदिग्ध लोगों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए चार आरोपी लोगों से पूछताछ के बाद मिली है। एटीएस की कार्रवाई अभी जारी है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ के लिए गुजरात में कम से कम 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
NIA ने कई PFI सदस्यों को लिया हिरासत में
बता दें कि बीते गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। वहीं, महाराष्ट्र एटीएस ने राज्य से 20 लोगों को हिरासत में लिया था।
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जानें क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI)
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी PFI का गठन 17 फरवरी, 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में 03 मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं। यहां तक की राजनीतिक पार्टियां चुनाव के समय एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई का सहयोग लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां के आरोप लगते रहते हैं।