Narendra Giri Case: महंत गिरि को वीडियो दिखाकर किया जा रहा था ब्लैकमेल, जांच में जुटी पुलिस

Narendra Giri Case: Mahant Giri was being blackmailed by showing video

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालत में मौत की पुलिस जांच कर रही है। प्रयागराज में बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि का शव उनके आवास से मिला था। शुरुआती जांच में इसे सुसाइड बताया जा रहा है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हत्या या आत्महत्या के बीच की कड़ी को हल करने के लिए पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी है।

कहा जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि को एक वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया जा रहा था। आखिर वह कौन सा वीडियो है? उस वीडियो में ऐसा क्या है? किस प्रकरण से वह वीडियो जुड़ा है? पुलिस इन सवालों के गुत्थी को सुलझाने में लगी है।

गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है

खबरों के मुताबिक नरेंद्र गिरि के मोबाइल फोन में भी एक वीडियो मिलने की चर्चा है इस वीडियो को अश्लील बताया जा रहा है लेकिन इसकी अधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। वहीं, नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगाएं हैं। सुसाइड नोट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि वीडियो के चक्कर में उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई है जिससे वह बेहद आहत हैं।

बाघंबरी मठ के अंदर नरेंद गिरि की मौत के बाद पहुंची पुलिस ने परिसर के भीतर लगे CCTV फुटेज भी खंगाले। इस बात की जानकारी ली गई कि मठ में दिनभर क्या गतिविधियां रहीं। पूरे दिन कहीं कोई अराजक तत्व अंदर तो नहीं आया था? पुलिस ने शिष्यों का बयान भी दर्ज किया। जांच में पता चला कि आद्या तिवारी से दो दिन पहले ही नरेंद्र गिरि की नोकझोक हुई थी। कहा जा रहा है कि उन्होंने सल्फास और रस्सी भी दो दिन पहले मंगाई थी। अपने एक शिष्य से कहा था कि कपड़े टांगने वाली रस्सी खराब हो गई है।

मैं सम्मान से जीया, मुझे सम्मान से समाधि मिले

महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह सम्मान से जीये। सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया। मौत के बाद भी उन्हें यही सम्मान मिले। सम्मान के साथ समाधि मिले। सुसाइड नोट में मठ के अंदर ही समाधि स्थल बनाए जाने का बात लिखी है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मांगा था उत्तराखंड से मदद

यूपी के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों से मदद मांगी थी। जिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने आनंद गिरि को श्यामपुर कांगड़ी स्थित उनके आश्रम में नजरबंद कर दिया था। आधीरात बाद सीओ देवबंद रजनीश उपाध्यय, एसओ गगलहेड़ी सतेंद्र राय के नेतृत्व में सहारनपुर पुलिस हरिद्वार पहुंच गई और आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया। इसके बाद भारी सुरक्षा के बीच आनंद गिरि को प्रयागराज ले जाया गया।

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