नई दिल्ली: भारत भले ही G-20 की अध्यक्षता अगले साल करेगा लेकिन अभी से इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलने लगा है। दरअसल, PM Modi 17वें G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया की यात्रा पर है। G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के साथ-साथ द्विपक्षीय वार्ता भी चर्चा में रही। इसी क्रम में पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। बाली में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ब्रिटेन ने यूके-भारत प्रोफेशनल्स स्कीम के तहत अब हर साल तीन हजार भारतीय विद्यार्थियों को यूके का वीजा देने का फैसला किया है।
यूके-भारत प्रोफेशनल्स स्कीम की हुई पुष्टि
भारतीय विद्यार्थियों और युवाओं के मद्देनजर लिया गया यह बड़ा फैसला दोनों देशों के हितों को आगे बढ़ाने का काम करेगा। इसके साथ ही यूके-भारत प्रोफेशनल्स स्कीम लागू होने की पुष्टि गई है। 18-30 साल तक के भारतीय डिग्री धारक युवाओं को यूके में आने और दो साल तक काम करने के लिए तीन हजार वीजा की पेशकश की गई है। भारतीय विद्यार्थियों को यूके में पढ़ने और युवाओं को काम करने के लिए हर साल तीन हजार वीजा देने का ऐलान किया है।
G-20 समिट में पीएम मोदी और ऋषि सुनक की पहली मुलाकात
गौरतलब है कि सुनक सरकार ने ये फैसला बाली में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद लिया है। पीएम मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली में हैं। मंगलवार को ऋषि सुनक ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। भारतीय मूल के सुनक की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद ये पीएम मोदी से पहली मुलाकात थी। इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर पीएम मोदी ने ऋषि सुनक को फोन करके बधाई संदेश दिया था
भारत के साथ योजना
यूके के प्रधानमंत्री के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के मुताबिक भारत के साथ इस योजना का शुभारंभ हुआ है। यह योजना दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम है, साथ ही भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए यूके की व्यापक प्रतिबद्धता दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। भारत-प्रशांत क्षेत्र में किसी अन्य देश के मुकाबले यूके का भारत से ज्यादा संबंध है। यूके में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से लगभग एक चौथाई भारत से हैं। यूके में भारतीय निवेश यहां 95,000 नौकरियों का समर्थन करता है।
साल 2023 में भारत करेगा मेजबानी
भारत औपचारिक रूप से इस वर्ष 1 दिसम्बर से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा। यह कार्यकाल अगले वर्ष सितम्बर तक रहेगा। सम्मेलन के अंतिम सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रतीकात्मक रूप से जी-20 की अध्यक्षता का भार पीएम मोदी को सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत-इंडोनेशिया-ब्राजील की एक तिकड़ी बनेगी। जी-20 में यह पहली बार होगा कि तीन विकासशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक गुट बनेगा।
G-20 ग्रुप के बारे में जानें
G20 ग्रुप का गठन 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल कर वैश्विक स्थिरता को सुरक्षित करना है। G-20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक GDP का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है। G20 ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। G-20 सम्मेलन में स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।