28 मार्च को ऑस्कर अवॉर्ड Oscar Awards फंक्शन हैं। भारत की तरफ से कोई 50 बार ऑस्कर के लिए फिल्में भेजी गईं लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी। गांधी, स्लमडॉग मिलेनियर जैसी फिल्मों को ऑस्कर मिला भी लेकिन ये भारतीय फिल्में नहीं थीं। अभी तक मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे और लगान ही ऐसी फिल्में हैं जो ऑस्कर के फाइनल नॉमिनेशन तक पहुंच पाई हैं। इन्हें भी अवॉर्ड मिला नहीं। फिल्मों को रिजेक्ट करने के ऑस्कर जूरी के अपने कारण होते हैं, लेकिन कई बार ऐसे भी तर्क सामने आए जो काफी हास्यास्पद थे।
जानते हैं Oscar में भारतीय फिल्मों को किन-किन दिलचस्प कारणों से निकाला गया।
मदर इंडिया:
FFI (फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी आने के अगले साल 1957 में एकेडमी अवॉर्ड में अपनी पहली ऑफिशियल एंट्री भेजी थी, जो थी मदर इंडिया। ये फिल्म सिर्फ एक वोट से ‘नाइट ऑफ कैबिरिया’ से हार गई थी। दरअसल, ऑस्कर के कुछ ज्यूरी मेंबर्स को ये बात खटक रही थी कि क्यों राधा की भूमिका निभा रहीं नरगिस ने पति के भाग जाने के बाद उस लाला सुखीलाल का शादी का प्रपोजल ठुकरा दिया, जो उसकी लगातार मदद करना चाहता था। अगर राधा, लाला से शादी कर लेती तो उसके बच्चों को इतना संघर्ष नहीं करना पड़ता। यहां नायिका ने रूढ़िवादी सोच दिखाई।
सलाम बॉम्बे:
भारत की तरफ से दूसरा नॉमिनेशन हासिल करने वाली फिल्म थी 1988 की सलाम बॉम्बे जो दूसरी फिल्मों के मुकाबले फीकी थी। फिल्म मुंबई पर बेस्ड थी, यहां की झुग्गीबस्ती के हालात पर बनी थी। लेकिन, ये फिल्म को सच्चाई के नजदीक होते हुए भी तरजीह नहीं दी गई।
लगान:
आशुतोष गोवारिकर की ‘लगान’ को भी बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए 2002 में ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था। ये फिल्म 224 मिनट की थी, जो इसके हारने का कारण बना। समय कम होने के कारण ज्यूरी पूरी फिल्म नहीं देख सकी थी। इस साल ऑस्कर जीतने वाली फिल्म नो मैन्स लैंड सिर्फ 98 मिनट की थी।
फाइनल नॉमिनेशन के पहले ही रिजेक्ट हो गईं ये फिल्में:
देवदास:
देवदास फिल्म को भारत की ज्यूरी इसलिए ऑस्कर के लिए नहीं भेजा क्योंकि उन्हें मणिरत्नम की फिल्म ‘कनाथी मुथमित्तल’ ज्यादा डिसर्जविंग लगी थी।
सत्या:
1998 में सत्या फिल्म को रिजेक्ट कर जींस फिल्म को ऑस्कर के लिए भेजा गया। ज्यूरी का मानना था कि मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय की डेब्यू फिल्म इंटरनेशनल ज्यूरी को ज्यादा लुभा सकती हैं। फिल्म अपने दौर की सबसे बड़े बजट की थी, फिर भी ऑस्कर जूरी ने जींस को एक मसाला फिल्म की तरह मान कर छोड़ दिया।
इसे भी पढ़े: Padma Awards 2021: केशुभाई पटेल, तरुण गोगोई और रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्म भूषण
सरदार उद्धम सिंह:
सरदार उद्धम फिल्म की ऑस्कर में एंट्री ये कहकर हटा दी गई कि ये फिल्म बहुत लंबी और ब्रिटिश विरोधी हैं। इसके बदले तमिल फिल्म कुजांगल को भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा गया हैं।