मुंबई: बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेताओं की लिस्ट में शुमार पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड के वो सितारे हैं जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें कोई नहीं जानता था और मायानगरी में अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। आज पंकज त्रिपाठी के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अनछुए पहलू के बारे में बताने जा रहे हैं।
गांव के नाटक से की अभिनय की शुरुआत
05 सितंबर, 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में जन्मे पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही एक्टिंग में रुचि थी। ऐसे में वह गांव में होने वाले नाटकों में लड़की का किरदार निभाने लगे, जिसे लोग काफी पसंद करते थे। पंकज नाटक में इतना अच्छा करते थे कि लोग उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के लिए खतरा बताने लगे थे लेकिन जब वह बड़े हो गए तो उन्होंने थिएटर का रुख किया। उनके पिता उन्हें पैसे नहीं देते थे। ऐसे में उन्होंने थिएटर से जुड़े रहने के लिए रात में होटल में काम करना शुरू किया और सुबह वह थिएटर में भाग लेते थे।
कॉलेज के दौरान जाना पड़ा जेल
पंकज त्रिपाठी कॉलेज के दौरान राजनीति में काफी सक्रिय थे। उन्होंने हिंदी से ग्रेजुएशन किया था और वह बीजेपी के छात्र संगठन ABVP का हिस्सा थे। ऐसे में एक बार वह किसी आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे, जिसके वजह से उन्हें एक हफ्ते तक जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में अपना सफर शुरू किया और साल 2004 में पढ़ाई पूरी कर मुंबई जाने का मन बना लिया।
मुंबई आए तो झेली आर्थिक तंगी
एनएसडी के बाद 16 अक्टूबर, 2004 को पंकज त्रिपाठी ने मंबई का रुख किया। उस दौरान उनके पास 46 हजार रुपये थे, जो 25 दिसंबर तक 10 हजार ही बचे। एक बार इंटरव्यू के दौरान अभिनेता ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा था कि मेरी पत्नी मृदुला का जन्मदिन था उस दिन और मेरे पास न तो केक के पैसे थे और न ही गिफ्ट के। वहीं, जब वह कुछ काम नहीं करते थे, तो उनकी पत्नी ही घर का खर्चा चलाती थीं। दोनों की एक बेटी आशी त्रिपाठी हैं।
न्यूटन के लिए मिला नेशनल अवॉर्ड
पंकज त्रिपाठी ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक रोल प्ले किए हैं। इसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से भी नवाजा गया हैं। फिल्म न्यूटन में उन्हें बेहतरीन एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड, फिल्म लूडो के लिए इंटरनेशनल फिल्म एकेडमी अवॉर्ड और मिमी के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया हैं।
पहले स्टूडियो में नहीं घुसने दिया जाता था अब कई ऑफर्स
पंकज त्रिपाठी उस समय के किस्से शेयर करते हुए वो बताते हैं जब वो मुंबई गए थे तो सिक्योरिटी गार्ड्स उन्हें स्टूडियो में नहीं घुसने देते थे, और प्रोड्यूसर्स उनसे बात भी नहीं करते थे। अब वही प्रोड्यू्सर्स उन्हें फिल्में ऑफर करते हैं। नेटवर्थ की बात करें तो वो 40 करोड़ रुपये के मालिक हैं। फिलहाल, पंकज ‘ओह माय गॉड-2’ की शूटिंग में बिजी हैं।