दीवार, अमर अकबर एंथोनी, सुहाग, काला पत्थर, द बर्निंग ट्रेन, शान और कालिया जैसी बेहतरीन फिल्मों में नजर आ चुकीं परवीन बाबी Parveen Babi की आज 68वीं बर्थ एनिवर्सरी हैं। जिस दौर में एक्ट्रेस भारतीय नारी के लुक से पहचानी जाती थीं, उस समय परवीन अपने बोल्ड और वेस्टर्न लुक से पहचानी गईं। परवीन ने जितनी तेजी से कामयाबी हासिल की उसी रफ्तार से वो गुमनामी की दुनिया में भी चली गईं। परवीन अचानक सेट से गायब हो गईं जिससे उनके अंडरवर्ल्ड से ताल्लुक होने की बात हुई।
परवीन का डैनी डेंजोंगपा, महेश भट्ट, कबीर बेदी से नाम जुड़ा। उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने लोगों से दूरी बना ली। परवीन की स्थिति ऐसी बिगड़ी की जब उन्हें एक न्यूयॉर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट में पहचान साबित न करने पर पागलों के साथ बंद किया गया तो वो हंसती रहीं।
5 साल की उम्र में उठा पिता का साया:
4 अप्रैल 1954 में जूनागढ़, गुजरात में परवीन बाबी का जन्म वली मोहम्मद खान के घर हुआ। परवीन का जन्म उनके पेरेंट्स की शादी के 14 साल बाद हुआ। महज 5 साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया। अहमदाबाद से पढ़ाई पूरी करने के बाद परवीन ने मॉडलिंग शुरू की। कॉलेज के दिनों में ही बोल्ड परवीन सिगरेट पिया करती थीं। एक दिन कश लगाती हुईं परवीन पर फिल्ममेकर बीआर इशारा की नजर पड़ी और परवीन को हीरोइन बनाने की ठान ली।
परवीन को 1973 की फिल्म ‘चरित्र’ मिली। फिल्म फ्लॉप थी, लेकिन परवीन को कई फिल्में मिल गईं। उन्होंने मजबूर (1974), दीवार (1975) जैसी दर्जनों हिट फिल्में दीं।
जब सेट से अचानक गायब हो गई थीं Parveen:
साल 1983 में परवीन एक फिल्म की शूटिंग करते हुए अचानक सेट से गायब हो गईं। न उन्होंने किसी को जानकारी दी और न ही किसी को कोई खबर थी। इस दौरान खबरें उड़ी कि परवीन पर अंडरवर्ल्ड के लोगों की नजर थीं, जिन्होंने उन्हें गायब कर दिया। एक्ट्रेस की कई फिल्में उनकी नामौजूदगी में ही रिलीज हो गईं। 6 सालों बाद परवीन ने मुंबई वापस आकर सफाई दी कि उन्होंने अध्यात्म के लिए इंडस्ट्री छोड़ी हैं।
विवादों में रहे अफेयर्स:
परवीन बाबी का इंडस्ट्री में पहला अफेयर डैनी डेंजोंगपा से रहा। यह करीब 4 सालों तक चला। परवीन कबीर बेदी के साथ भी रिलेशन में रहीं, लेकिन ये रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चला। साल 1977 के करीब परवीन को महेश भट्ट से प्यार हुआ। महेश पहले से शादीशुदा थे और इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे, जबकि परवीन उस समय एक कामयाब एक्ट्रेस थीं।
परवीन को पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया नाम की लाइलाज बीमारी हो गई। उनका मानसिक संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ने लगा। महेश अपनी पत्नी को छोड़कर परवीन के साथ घर बसाना चाहते थे, लेकिन उनकी बीमारी दोनों के रिश्ते में दरार डाल रही थी। महेश उन्हें लेकर विदेश के हर नामी डॉक्टर के पास गए, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
बेड़ियों में बांधकर पागलखाने भेजी गईं थीं परवीन:
साल 1984 में परवीन बाबी को न्यूयॉर्क एयरपोर्ट में पुलिस ने पकड़कर पागलखाने में बंद करवा दिया। परवीन एयरपोर्ट में अजीब बर्ताव कर रही थीं, जब सिक्योरिटी स्टाफ ने उनसे पूछताछ की तो वो अपनी पहचान नहीं बता सकीं। उन्हें हथकड़ियां पहनाकर पागलों के साथ बंद कर दिया गया। जानकारी मिलते इंडियन काउंसिल उनके पास पहुंचे तो परवीन मुस्कुरा रही थीं। मानो कुछ हुआ ही नहीं हो।
डर के साये में जिंदगी जीतीं परवीन:
साल 1988 में शान फिल्म के टाइटल सॉन्ग की शूटिंग के दौरान परवीन ने अचानक शूटिंग रुकवा दी। उन्होंने जान के खतरे के डर से सेट पर लगे झूमर के नीचे खड़े होने से इनकार कर दिया। परवीन ने को-स्टार अमिताभ बच्चन पर आरोप लगाया कि वो उनके ऊपर झूमर गिराकर जान लेना चाहते हैं। परवीन के ये संगीन आरोप सुनकर हर कोई हैरान था, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति किसी से छिपी नहीं थी। शूटिंग रुक गई और परवीन घर चली गईं।
भूख से हुई रहस्यमयी मौत:
22 जनवरी को 2005 में परवीन बाबी के पड़ोसियों ने संदिग्ध स्थिति में पुलिस को खबर की। परवीन के घर के बाहर दूध के पैकेट और न्यूजपेपर इकट्ठा हो गए थे। जब पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल हुई तो वहां परवीन का शव मिला। पूरा घर उलट हो चुका था और पलंग के पास रखी थी एक व्हीलचेयर।
पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि परवीन ने कई दिनों से खाना छोड़ दिया था, लेकिन शरीर में शराब मिली थी। व्हीलचेयर देखकर अंदाजा लगाया गया कि परवीन आखिरी दिनों में चल नहीं सकती थीं, जिससे उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता था।
इसे भी पढ़े: शर्माजी नमकीन मूवी रिव्यू: रिश्तों, समाज और ऑफ्टर रिटायरमेंट लाइफ पर ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’
परवीन की आखिरी ख्वाहिश रह गई अधूरी:
परवीन बाबी आखिरी दिनों क्रिश्चियन धर्म अपना चुकी थीं। उन्होंने ख्वाहिश जाहिर की कि उनका अंतिम संस्कार क्रिश्चियन रीति-रिवाजों से किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाली परवीन के परिवार ने उनके शरीर को क्लैम कर मुंबई के सांताक्रूज श्मशान घाट में दफनाया। कुछ सालों बाद जगह कम होने के कारण उनके शव को नई जगह शिफ्ट कर दिया गया।