बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को देश की पांचवीं और दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन ( Vande Bharat Express) को बैंगलुरु से हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन बैंगलुरु के रास्ते मैसूर और चेन्नई को जोड़ेगी। रेलवे के अधिकारियों का दावा हैं कि अगर पूरी क्षमता से चलाया जाए तो इस सुपरफास्ट ट्रेन की मदद से महज तीन घंटे में ही बैंगलुरु से चेन्नई की दूरी तय की जा सकती हैं। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए शुल्क भी तय किया जा चुका हैं। यह ट्रेन सिर्फ दो स्टॉप पर रुकेगी। शनिवार से इसका नियमित संचालन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां क्रांतिवीर संगोली रेलवे स्टेशन पर दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया। ट्रेन मैसूर और चेन्नई के बीच चलेगी और दोनों गंतव्यों के बीच यात्रा के समय को कम करने में मदद करेगी। इसका उद्घाटन केएसआर बेंगलुरु स्टेशन पर हुआ और बाद में चेन्नई पहुंचेगा।
इस सुपरफास्ट ट्रेन से जुड़े कुछ फैक्ट्स
चेन्नई से मैसूर की यात्रा करने वाले यात्रियों से चेयर सीट के लिए 1,200 रुपये और ज्यादा कंफर्ट सीट के लिए 2,295 का शुल्क लिया जाएगा। मैसूर से चेन्नई की यात्रा करने वालों को क्रमशः ₹1,365 और ₹2,486 का भुगतान करना होगा। ट्रेन वैसे 6 घंटे 30 मिनट में 500 किमी की दूरी तय करेगी लेकिन, रेलवे के अधिकारियों का दावा हैं कि “अगर पूरी क्षमता से चलाई जाती हैं। तो ट्रेन सिर्फ तीन घंटे में बेंगलुरु से चेन्नई को छू सकती हैं।” । यह ट्रेन चेन्नई और मैसूर- काटपाडी और बेंगलुरु के बीच दो स्टॉप पर रुकेगी। अधिकारियों ने कहा कि शनिवार से नियमित संचालन शुरू हो जाएगा।
पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई थी।
‘भारत गौरव‘ काशी दर्शन ट्रेन को भी हरी झंडी
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने रेलवे की ‘भारत गौरव’ ट्रेन नीति के तहत कर्नाटक के मुजराई विभाग द्वारा संचालित ‘भारत गौरव काशी दर्शन’ ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। दक्षिण पश्चिम रेलवे के अनुसार “यह काशी यात्रा करने के इच्छुक कई यात्रियों के सपने को पूरा करेगा।” ट्रेन तीर्थयात्रियों के लिए रियायती दरों पर आठ दिनों का टूर पैकेज दे रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक सरकार काशी विश्वनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों को 5,000 रुपये की नकद सहायता देती हैं। यह ट्रेन वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज सहित पवित्र स्थानों को कवर करती हैं।