पीएम मोदी अलीगढ़ से पूरे पश्चिम यूपी को संदेश दे गए, विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे

PM Modi sent a message from Aligarh to the entire West UP, had arrived to attend the foundation stone laying ceremony of the university.

अलीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आज (मंगलवार) राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेने के लिए अलीगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने अपने भाषण के दौरान यूपी का चुनावी बिगुल भी फूंका। मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्हें विकास विरोधी ताकतें करार दिया और यूपी को उनसे बचाने की अपील भी कर दी। हालांकि, उन्होंने अलीगढ़ से अपने एक बचपन के जुड़ाव का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वह छोटे थे तो उन्हें यूपी के दो जिलों का नाम काफी सुनाई देता था। इसमें एक नाम अलीगढ़ था जिसके तालों का जिक्र एक मुस्लिम विक्रेता की वजह से सुनने को मिलता था। पीएम ने बताया कि जो अलीगढ़ कभी तालों से घरों-दुकानों की सुरक्षा करता था अब डिफेंस कॉरीडोर के बाद वह रक्षा उत्पादों से देश की हिफाजत करेगा।  

पीएम नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ से पूरे पश्चिम यूपी की नब्ज को पकड़ने की कोशिश किया। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के अलावा जाट आइकॉन और किसानों की आवाज उठाने वाले सर छोटूराम का जिक्र किया तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के प्रयासों की भी तारीफ की। पीएम मोदी ने इस मंच से भले ही किसान आंदोलन को लेकर कुछ नहीं कहा पर इशारों में पश्चिम यूपी और जाट बिरादरी को साधने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने एक तरफ जाटलैंड को साधने की कोशिश की तो वहीं हिंदुत्व को भी बेहद बारीकी से धार देते दिखे।

कैराना, शामली जैसे शहरों से कुछ वर्ष पहले हिंदुओं के पलायन के दावे किए गए थे। इस पर भी उन्होंने इशारों में ही बात की और यूपी सरकार के आने पर माहौल सुधरने का दावा किया। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग यह भूल नहीं सकते हैं कि पहले यहां किस तरह के घोटाले होते थे। प्रदेश के कार्यों को किस तरह भ्रष्टाचार के हवाले कर दिया जाता था। योगी जी की सरकार आज पूरी ईमानदारी के साथ यूपी के विकास में अपना योगदान दे रही है। एक दौर था, जब यहां शासन-प्रशासन गुंडों और माफियाओं की मनमानी के कारण चलता है। लेकिन अब देखा जाए तो वसूली करने वाले और माफिया राज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं।

बहरहाल, पीएम मोदी ने भी अपने इस संबोधन में कई बार राजा महेंद्र प्रताप का जिक्र किया और उनके योगदान की उपेझा किए जाने को भी याद दिलाई। इससे साफ जाहिर होता है कि इस संबोधन से पीएम मोदी ने बखूबी कई निशाने साधने की कोशिश की।

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