नई दिल्ली: केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर (J&K) में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ जम्मू कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला सुरंग(Zojila Tunnel) और जम्मू-कश्मीर में लागू एक महत्वपूर्ण परियोजना का निरीक्षण किया। यह सुरंग जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में लद्दाख से जोड़ने के मकसद से बनाई जा रही है। अलावा इसके उन्होंने जम्मू से श्रीनगर के बीच ऑल वेदर कनेक्टिविटी के लिए बन रही जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल से श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) के श्रीनगर-बनिहाल खंड का भी मुआयना किया।
अब सड़क यात्रा होगी सुगम
जम्मू-कश्मीर में 25000 करोड़ रुपये की लागत से 19 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत जोजिला में 6800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी टनल व अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह हॉर्स शू शेप की सिंगल-ट्यूब 7.57 मीटर ऊंची 2-लेन सुरंग है। यह सुरंग कश्मीर में गांदरबल और लद्दाख के करगिल जिले के द्रास शहर के बीच हिमालय में जोजिला पास के नीचे से गुजरेगी। अलावा इसके जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए 35,000 करोड़ रुपए की लागत से 3 कॉरिडोर बनाए जा रहे है। जम्मू से उधमपुर-रामबन-बनिहाल से आगे श्रीनगर तक 16,000 करोड़ रुपए की लागत से 250 किमी लंबाई का 4-लेन मार्ग भी बनाया जा रहा है। इसमें से 210 किमी मार्ग का 4-लेन पूरा हो चुका है। इसमें 21.5 किमी की 10 टनल भी शामिल हैं।
करोड़ों रुपये की हुई बचत
इस परियोजना में एक स्मार्ट टनल प्रणाली शामिल है जिसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का उपयोग करके किया गया है। यह सुरंग CCTV, रेडियो कंट्रोल, निर्बाध बिजली आपूर्ति, वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से लैस है। इस परियोजना में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से भारत सरकार के 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई है। जोजिला सुरंग परियोजना के तहत, 810 मीटर की 4 पुलिया, 4,821 मीटर की 4 नीलग्रार सुरंगें, 2,350 मीटर के 8 कट एंड कवर तथा तीन 500 मीटर, 391 मीटर और 220 मीटर के वर्टिकल वेंटिलेशन शाफ्ट के साथ 13,153 मीटर की मुख्य जोजिला सुरंग प्रस्तावित हैं। अभी तक जोजिला सुरंग का 28 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
जानें क्या होगा फायदा ?
इस सुरंग के बनने से लद्दाख के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी होगी। वर्तमान समय में सामान्य मौसम के दौरान जोजिला दर्रे को पार करने के लिए औसत यात्रा अवधि में कभी-कभी तीन घंटे लग जाते हैं, लेकिन इस सुरंग के पूर्ण रूप से बन जाने के बाद सफर का समय घटकर सिर्फ 20 मिनट रह जाएगा। वहीं जम्मू और श्रीनगर के बीच बन रहे कॉरिडोर से श्रीनगर से जम्मू आने-जाने में 9-10 घंटों का लगने वाला समय घटकर 4-5 घंटे हो जाएगा। रामबन और बनिहाल के बीच 40 किमी 4-लेन मार्ग के एक कैरिज-वे का काम जून 2024 तक पूरा होगा। इससे श्रीनगर की यात्रा करने वालों को काफी राहत मिलेगी। यात्रा के समय में कमी आने से ईंधन की बचत भी होगी।
दुर्घटनाओं में भी आएगी कमी
जोजिला पास के पास का इलाका बेहद दुर्गम है, यहां हर साल कई घातक दुर्घटनाएं होती हैं। जोजिला टनल का काम पूरा होने के बाद हादसों की संभावना काफी कम हो जाएगी। यह निर्माण कार्य कश्मीर घाटी-लद्दाख और श्रीनगर से जम्मू के बीच साल भर संपर्क प्रदान करेगी। जो यहां के विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय सामानों की मुक्त आवाजाही और आपात स्थिति में भारतीय सशस्त्र बलों की आवाजाही के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।