नई दिल्लीः दिल्ली मेयर चुनाव के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। AAP की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने याचिका लगाकर मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग राइट देने के फैसले को चुनौती दी हैं। शैली ने कोर्ट से मांग की हैं कि मेयर का चुनाव सुप्रीम कोर्ट(SC) की निगरानी में की जाए।
इससे पहले सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई, जहां CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कानून बिल्कुल स्पष्ट हैं कि मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं हैं। इसके बाद एलजी के कार्यालय की ओर से बताया गया कि 16 फरवरी के चुनाव को स्थगित कर दिया गया हैं।
तीन बैठकों में AAP-BJP का हंगामा
LG वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 MCD सदस्यों को वोट देने की अनुमति के फैसले का AAP ने कड़ा विरोध किया। इस कारण 06 जनवरी, 24 जनवरी और 06 फरवरी को पार्षदों की बैठक में बीजेपी और आप ने जमकर हंगामा किया। इस कारण मेयर का चुनाव नहीं हो सका। दिल्ली नगर निगम अधिनियम भी कहता हैं कि मनोनीत सदस्य या एल्डरमैन सदन की बैठकों में मतदान नहीं कर सकते।
AAP ने किया मनोनीत सदस्यों के मतदान का विरोध
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत सदस्यों को वोटिंग राइट देने के अधिकार का कड़ा विरोध किया हैं, जिन्हें केंद्र की ओर से नियुक्त किया गया था। आप ने उन पर दिल्ली सरकार के काम में बाधा डालने की कोशिश करके बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया हैं। पार्टी का आरोप हैं कि इन मनोनीत सदस्यों का झुकाव BJP की ओर हैं।
MCD चुनावों में चली झाड़ू
दिसंबर में हुए MCD चुनावों में AAP ने 134 वार्डों में जीत हासिल की और भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया। बीजेपी ने 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। पार्टी ने नौ वार्डों पर ही जीत हासिल की।
दिल्ली को मिलेगी महिला मेयर
दिल्ली के महापौर का पद बारी-बारी से 05 एकल-वर्ष की शर्तों को देखता हैं, जिसमें पहला साल महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, दूसरा ओपन कैटेगरी के लिए, तीसरा आरक्षित वर्ग के लिए, और शेष दो फिर से ओपन कैटेगरी के लिए हैं। इस तरह दिल्ली को इस साल एक महिला मेयर मिलेगी।