नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने प्रदूषण के मद्देनजर फिर कड़ा रुख अख्तियार किया है। पॉल्यूशन मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हम मामले को बंद नहीं करेंगे। स्थिति की समीक्षा करते रहेंगे। पराली मैनेजमेंट पर सरकारें रिपोर्ट दें। साथ ही कहा कि स्थिति बिगड़ने के बाद नहीं, पूर्वानुमान से काम करें, नौकरशाही को एक्टिव रहना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को नसीहत देते हुए कहा कि आंकड़ों के आधार पर वैज्ञानिक तरीके से हल निकालें। हर वर्ष ये मुसीबत क्यों झेलें, इस तरह से हम दुनिया को क्या संकेत दे रहे हैं? अदालत ने कहा कि आपको पराली जलाने को रोकने के लिए प्रबंधन करना होगा वरना ये बड़ी समस्या बन जाएगी। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल पूछे।
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सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि एक अखबार में खबर छपी कि पंजाब में चुनाव की वजह से पराली जलाने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया। इस पर सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि हम इससे संबंधित नहीं हैं। विकास सिंह ने कहा कि हम प्रदूषण से फिक्रमंद हैं तो जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि रास्यों को माइक्रो मैनेज नहीं कर सकते।
इसके बाद सीजेआई ने केंद्र से पूछा कि आप बताइये क्या किया गया प्रदूषण के खिलाफ? आप ने बताया था कि 21 नवंबर से स्थिति ठीके होंगे। तेज हवा के कारण हम बच गए हैं पर मौसम विभाग की खबर थी कि आज शाम से फिर गंभीर हो सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदूषण कम हुआ है तो CJI ने कहा कि तेज हवा के कारण से ना के आपके कदमों की वजह से। आप बताए कि क्या कदम उठाए गए हैं? सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 20 नवंबर को एक्यूआई- 403 था, कल यह 290 था। आज ये 260 है। केंद्र सरकार की ओर से एक लिखित नोट जवाब दिया गया जिसे तुषार मेहता ने पढ़कर सुनाया।