नई दिल्लीः दिल्ली शराब नीति केस में रविवार को गिरफ्तार किए गए दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को CBI आज कोर्ट में पेश करेगी। CBI ने रविवार को सिसोदिया से 08 घंटे पूछताछ की थी।
सूत्रों के मुताबिक जब लिकर पॉलिसी के जरिए कारोबारियों को फायदा पहुंचाया जा रहा था, उस दौरान सिसोदिया ने एक दिन में 03 फोन बदले थे।
जुलाई, 2022 में दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की। सक्सेना ने सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद ED और CBI ने सिसोदिया के खिलाफ जांच शुरू की।
सिसोदिया आम आदमी पार्टी के दूसरे मंत्री हैं, जिन्हें एक केंद्रीय एजेंसी ने एक साल से भी कम समय में गिरफ्तार किया है। इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मई साल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था, वो अभी भी जेल में हैं।
AAP ने कहा- सिसोदिया को सरकारी स्कूलों को सुधारने की सजा मिली
मनीष के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, फिर गिरफ्तारी कैसे हुई। दोनों चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं है। अब CBI कोर्ट में कहेगी, ये बड़े प्रभावी हैं। इसलिए इन्हें जांच होने तक जेल में रखा जाए।
AAP विधायक आतिशी ने कहा
मनीष सिसोदिया ने पिछले आठ साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की काया पलट कर दी। उन्हें इसी की सजा मिल रही हैं। बीजेपी कह रही हैं कि ये 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हैं। ये पैसा कहां हैं। CBI ने सिसोदिया के घर, उनके रिश्तेदारों, दोस्तों तक की तलाशी ली, लेकिन ये रुपया नहीं मिला। ये रुपए कहां हैं। सरकार ये नहीं बता पा रही हैं।
सत्येंद्र जैन को मई 2022 में ED ने गिरफ्तार किया था
मनीष सिसोदिया से पहले मई 2022 में ED ने सत्येंद्र जैन को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। बाद में ED ने कहा- जैन जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। वे मामले से जुड़ी जानकारी जांच एजेंसी से छिपा रहे थे, इसीलिए उनकी गिरफ्तारी हुई। ED का आरोप है कि जैन साल 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला लेनदेन में शामिल थे।
शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए मिले थे
ED के मुताबिक जांच में पाया गया था कि साल 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ED की रिपोर्ट के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था।
4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी से दो महीने पहले CBI की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में दर्ज FIR के बाद जैन के परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। CBI ने अगस्त साल 2017 में केस दर्ज किया था। बाद में ये केस ED को ट्रांसफर कर दिया गया था।