नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने एक अंग्रेजी अखबार के लिए लिखे एक संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ‘जबरन चुप कराना भारत की समस्याओं को हल नहीं कर सकता’ शीर्षक वाले लेख में कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के बयान आज के सबसे अहम मुद्दों की उपेक्षा करने या इन मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए होते हैं।
लोकतंत्र के सभी पिलर्स को किया खत्म
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने देश के लोकतंत्र के सभी तीन स्तंभों को व्यवस्थित रूप से खत्म किया है। सोनिया ने संसद में हुई हाल की घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने सत्रों को बाधित करना सरकार की रणनीति बताई। आगे कहा कि विपक्ष को बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, बजट, अडाणी घोटाला और सामाजिक विभाजन जैसे मामलों को उठाने से रोका गया।
बेजोड़ उपायों का सहारा ले रही केंद्र सरकार
सोनिया गांधी ने लोकसभा सांसद के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता और उनके भाषण के कुछ हिस्सों को संसदीय रिकॉर्ड से निकाले जाने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एक मजबूत विपक्ष से मुकाबला करने के लिए बेजोड़ उपायों का सहारा लेना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के लिए सूरत की एक अदालत ने दोषी ठहराया था। जिसके बाद उन्हें लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ मानहानि के मामले में 02 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
बजट से ध्यान भटकाया
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट- 2023 को पारित करने के लिए इन्होंने कई ऐसे मसले उठाए, जिससे लोगों का ध्यान भटक जाए, जिसमें लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के खर्च की परिकल्पना की गई थी। नतीजतन, लोगों के पैसे का 45 लाख करोड़ रुपये का बजट बिना किसी बहस के पारित कर दिया गया।
वित्त मंत्री पर भी हमला
उन्होंने आगे कहा कि जब वित्त विधेयक लोकसभा के माध्यम से पारित किया गया था तब प्रधानमंत्री व्यापक मीडिया कवरेज के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे। सोनिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी या मुद्रास्फीति का उल्लेख भी नहीं किया। ऐसा लगता है जैसे कि ये कोई समस्याएं हैं ही नहीं।
‘केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग’
सोनिया गांधी ने विपक्ष के जरिए लगाए गए आरोप ‘सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है’ के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 95 फीसदी से ज्यादा राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी दलों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। वहीं, जो लोग बीजेपी में शामिल हो गए उन पर लगे सभी आरोप अचानक से गायब हो गए। सरकार ने मीडिया को डरा-धमका कर उसकी स्वतंत्रता छीन ली है।
पिछले साल नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कई बार समन भेजा था। समन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरोप लगाया था कि सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं, इस मार्च में 14 विपक्षी दलों ने अपने नेताओं को फंसाने के लिए ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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न्यायपालिका को नीचा दिखाने में लगी सरकार
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार न्यायपालिका को नीचा दिखाने में लगी है। उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की भाषा पर प्रश्न उठाए। उन्होंने ने लिखा कि बीजेपी और RSS नेताओं के नफरती बयानों पर प्रधानमंत्री अक्सर चुप रहते हैं। इसी तरह चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर भी सच नहीं बोलते। सोनिया ने आगे लिखा कि आने वाले दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। कांग्रेस पार्टी समान विचारों वाले दलों के साथ हाथ मिलाकर भारत के संविधान की रक्षा के लिए हर प्रयास करेगी।