अरुणाचल में ‘Vibrant Village Program’ की शुरुआत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा -सीमा सुरक्षा ही राष्ट्र सुरक्षा है

'Vibrant Village Program' started in Arunachal, Union Home Minister Amit Shah said - Border security is national security

नई दिल्ली: केंद्र सरकार वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम(Vibrant Village Program) के तहत सीमावर्ती गांवों को सशक्त बनाने का काम कर रही है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमावर्ती गांवों के प्रति जनता का दृष्टिकोण बदला है, अब सीमावर्ती क्षेत्र में जाने वाले लोग इसे आखिरी गांव नहीं, बल्कि भारत के पहले गांव के रूप में जानते हैं। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश सरकार की नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं और 120 करोड़ की लागत से आईटीबीपी की 14 परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर बल

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र पीएम मोदी की प्राथमिकता हैं, सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है इसलिए केंद्र सरकार सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए निरंतर काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी सेना और आईटीबीपी के वीर जवानों के शौर्य के कारण कोई भी हमारे देश की सीमा की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। अब वो जमाना चला गया जब कोई भी भारत की भूमि का अतिक्रमण कर सकता था। आज एक इंच जमीन पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता।

AFSPA को हटाया गया

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 70 प्रतिशत नॉर्थ ईस्ट से AFSPA को हटा लिया है और वो दिन दूर नहीं है जब पूरे नॉर्थ ईस्ट से इसे हटा लिया जाएगा। केंद्र सरकार की नीतियों के कारण हथियार उठाने वाले युवा आज मुख्यधारा में आकर भारत के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।

गांवों से पलायन रोकना केंद्र सरकार का लक्ष्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 3 चरणों में होने वाले वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से पूरी उत्तरी सीमा के सभी गांवों से पलायन रोकना, पर्यटन को बढ़ावा देना और शहरों जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना केंद्र सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को मंजूरी दी है।

जीवनस्तर में सुधार होगा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों के लोगों के जीवनस्तर में सुधार करने में मदद करेगा और उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। जिससे गांवों से पलायन रुकेगा और सीमा की सुरक्षा भी मजबूत होगी। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है।

क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य भारतीय सीमा से जुड़े गांवों में विकास को बढ़ावा देना है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान लागू किया जायेगा। फिलहाल सीमा से सटे भारतीय इलाकों की बात करें, तो यहां सरकार के द्वारा 4800 करोड़ रुपए विकास के लिए आवंटित किये गए हैं, जिनमें से कुल 2500 करोड़ रुपए सड़क निर्माण कार्य में खर्च होने वाले हैं। इस प्रोग्राम के पहले चरण में करीब 662 गांवों को शामिल किया जा रहा है। जबकि पूरे प्रोग्राम में 2967 गांवों को शामिल किया जाता है। इस योजना के तहत उन इलाकों में केंद्र सरकारी की सभी योजनाएं भी लागू की जाएंगी।

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