पटना: बॉलीवुड के दिवंगत सुपरस्टार और अंतरिक्ष उत्साही सुशांत सिंह राजपूत SSR के चांद प्रेम को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली हैं। अमेरिका की लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने उनके जन्मदिन को अब ‘सुशांत मून’ Sushant Moon के नाम से मनाने का निर्णय लिया हैं। 21 जनवरी 2023 को उनकी 37वीं जयंती को पहली बार ‘सुशांत मून’ के रूप में मनाया जाएगा। इसकी घोषणा लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने अपने ऑफिशियल साइट पर की। कमाल की बात यह हैं कि इस दिन 2023 की पहली न्यू मून यानी अमावस्या भी होगी। दरअसल इस दिन चांद धरती के सबसे करीब होता हैं।
प्रशंसकों ने इस साल जनवरी को सुशांत मंथ के रूप में मनाया था:
फिल्म जगत में SSR के नाम से मशहूर पटना के दिग्गज स्टार के जीवन को सेलिब्रेट करने के लिए लूना सोसायटी की ओर से यह पहल की गई हैं। इस साल भी जनवरी में, SSR के प्रशंसकों ने उनकी जयंती धूमधाम से मनाई थी। इसे “सुशांत मंथ” कहा गया, जिसका समापन “सुशांत डे” के साथ हुआ- उनके सम्मान में सेवा और सम्मान के कृत्यों के साथ। ट्विटर के अनुमानों के अनुसार, उनके प्रशंसकों द्वारा #SushantDay और @itsSSR, उनके ट्विटर हैंडल सहित टैग के साथ 5.2 मिलियन से अधिक ट्वीट भेजे गए थे।
‘चंदा मामा दूर के’ में निभाने वाले थे लीड रोल:
‘चंदा मामा दूर के’ में लीड रोल निभाने के लिए सुशांत को सिलेक्ट किया गया था। फिल्म के निर्माता संजय पूरन सिंह चौहान ने पिछले साल बताया था कि उनकी इस फिल्म में सुशांत का विकल्प मिलना बहुत मुश्किल हैं, लेकिन उन्होंने तय किया हैं कि इस फिल्म को वह सुशांत को श्रद्धांजलि के रूप में अर्पित करने के लिए जरूर बनाएंगे। फिल्म 2024 में रिलीज हो सकती हैं। हालांकि, 2017 में सुशांत इस फिल्म को लेकर NASA भी गए थे। यह उनके ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक था।
चांद पर ले रखी थी 1.85 करोड़ रुपए की संपत्ति:
सुशांत सिंह राजपूत के अंतरिक्ष प्रेम से हर कोई वाकिफ हैं। Top-end Meade LX-600 टेलिस्कोप के मालिक, सुशांत नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर स्पेस की तस्वीर भी पोस्ट करते थे। विशेष रूप से चंद्रमा की तस्वीरें वह अक्सर साझा करते थे। उन्होंने चांद के Mare Moscoviense की Sea of Muscovy (चांद का अंधेरे वाला छोड़) में लगभग 1.85 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति को खरीद रखा था। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर अपनी प्रॉपर्टी की तस्वीर भी शेयर की थी।
लूना सोसायटी इंटरनेशनल ने कहा कि उन्हें उम्मीद हैं कि ‘सुशांत मून’ एक ऐतिहासिक और वार्षिक इवेंट बन जाएगा, हालांकि ये जरूरी नहीं कि हर साल सुशांत की जयंती अमावस्या पर ही हो।