नई दिल्ली: लोकसभा सदस्यता छिनने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने स्पीकर ओम बिरला पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि स्पीकर को मैंने दो बार पत्र लिखा। उनसे मिला भी लेकिन उन्होंने कहा कि मैं कुछ नहीं कर सकता। मेरी सदस्यता रद्द करके डरा, धमकाकर चुप नहीं करा सकते। मैं अपनी तपस्या जारी रखूंगा।
सांसदी छिनने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि यह सबकुछ गौतम अडाणी मामले से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। पर, मैं पूछता रहूंगा कि गौतम अडाणी और मोदी जी के बीच रिश्ता क्या है।
‘स्पीकर ने मेरी नहीं सुनी’
राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होने कहा कि स्पीकर को दो-दो बार खत लिखे। लेकिन, मुझे बोलने नहीं दिया। मैं उनसे मिला मैं उनसे पूछा कि मुझे बोलने क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा, मैं कुछ नहीं कर सकता।
‘इसलिए मेरी सदस्यता गई‘
राहुल गांधी ने कहा कि मेरी लोकसभा सांसदी इसलिए रद्द की गई क्योंकि प्रधामंत्री मोदी मेरी अगली स्पीच को लेकर डरे हुए हैं। मैं उनकी और गौतम अडानी के बीच रिश्ते पर लगातार बोलता रहा हूं। मेरी अगली स्पीच गौतम अडानी पर होने वाली थी। मेरी आवाज को दबाने के लिए ऐसा किया गया। लेकिन, मैं अपनी तपस्या जारी रखूंगा। चुप नहीं रहूंगा। मुझे डरा और धमकाकर चुप नहीं कराया जा सकता। चाहे मेरी लोकसभा सदस्यता रहे या न रहे। मैं अपनी आवाज को जनता तक पहुंचाता रहूंगा।
विपक्षी एकता पर बोले राहुल गांधी
इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दलों और नेताओं ने इस मुद्दे पर उनका साथ दिया है। इसके लिए वो सभी के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की तानाशाही के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होने का वक्त है। हमें मिलकर काम करना होगा।
राहुल गांधी के साथ उनके साथ कांग्रेस शासित राज्यों के दो मुख्यमंत्री भी थे। प्रेस कांफ्रेस के समय राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और भूपेश बघेल हैं।