आज गणपति विसर्जन: महाराष्ट्र में बप्पा की विदाई का सिलसिला शुरू

Today Ganpati Visarjan

मुंबई: आज अनंत चतुर्दशी हैं। 31 अगस्त से विराजमान गणेशजी (Ganpati Visarjan) को विदा करने का दिन। इन 10 दिनों में त्यौहार की रौनक हर राज्य, शहर और हर घर में रही। बप्पा के आने के बाद से ही बच्चे हों या बड़े-बूढ़े सभी के चेहरे पर एक अलग ही खुशी नजर आती हैं। रोज उनकी पूजा करना, प्रसाद वितरण करना, पंडालों में अगल-अलग कार्यक्रम होना, लेकिन जैसे ही बप्पा को विदा करने का दिन आता हैं, एक उदासी सा माहौल छा जाता हैं और उनके अगले वर्ष जल्दी आने की कामना की जाती हैं।

वैसे तो हर राज्य में ये उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं, लेकिन महाराष्ट्र में इस पर्व का अलग ही महत्व हैं। यहां बप्पा के आने के बाद से ही हर शहर हर घर में खुशी तो होती ही हैं। साथ ही पूरे राज्य में भारी भीड़ उमड़ती हैं। गणेश जी की बड़ी-बड़ी मूर्तियां विराजमान की जाती हैं। जुलूस निकाले जाते हैं। ये खुशहाल नजारा बप्पा के विराजमान होने से लेकर विसर्जित होने तक रहता हैं।

क्यों करते हैं गणेश विसर्जन

Today Ganpati Visarjan

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि गणेश जी ने लगातार 10 दिनों तक महाभारत की रचना की थी, जिससे उनका शरीर तपने लगा था, तब वेद व्यास जी उनको एक जल स्रोत के पास ले गए और वहां पर उनको जल में स्नान कराया। इससे गणेश जी को बहुत आराम मिला। उस दिन अनंत चतुर्दशी थी। तब से इस तिथि पर गणेश जी का विसर्जन होने लगा। धार्मिक मान्यता ये भी हैं कि विधि पूर्वक इनका विसर्जन करने से साल भर भक्तों के घर में कोई संकट नहीं आता हैं।

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