रूस और यूक्रेन Ukraine के बीच जारी युद्ध War का आज 12वां दिन हैं। यूक्रेन युद्ध को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी हैं। हालांकि रूस इस सुनवाई में हिस्सा नहीं ले रहा हैं। ये सुनवाई आज और कल दो दिन चलेगी। इधर, रूस ने पूरे यूक्रेन में सीजफायर का ऐलान किया हैं। यह सीजफायर 12.30 बजे से शुरू होगा। इस दौरान युद्ध में फंसे लोगों को निकालने के लिए ह्यूमन कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह दूसरी बार हैं जब रूस ने यूक्रेन में सीजफायर का ऐलान किया हैं। इससे पहले दो शहरों में सीजफायर किया गया था। हालांकि रूस ने इसे कुछ घंटों में खत्म करके बमबारी शुरू कर दी थी।
इससे पहले सोमवार सुबह रूस ने यूक्रेन के खार्किव शहर में रिहाइशी इमारतों को निशाना बनाया। हालांकि, लोगों को पहले ही बंकरों समेत सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी जा चुकी थी, लेकिन अब भी वहां कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही हैं। इधर, यूक्रेन ने कई रूसी टैंकों को तबाह करने का दावा किया हैं। युद्ध की इस त्रासदी को आप इस तस्वीर में देख सकते हैं।
War के अहम अपडेट्स..
रूस ने उसके खिलाफ जाने वाले देशों की लिस्ट जारी की हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ यानी EU, आइसलैंड, जापान, मोनाको, मोंटेनेग्रो, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, ताइवान, सैन मारिनो, सिंगापुर, साउथ कोरिया, स्विटजरलैंड, यूक्रेन, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।
यूक्रेन ने कहा- रूस के साथ बेलारूस की सीमा पर बनाए गए कॉरिडोर से लोग बाहर नहीं जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की से करीब 35 मिनट बात की। दोनों नेताओं ने यूक्रेन के मौजूदा हालात पर चर्चा की।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने कहा- जंग में लोगों की हत्या करने वालों को हम माफ नहीं करेंगे। जंग के दौरान जो अत्याचार हुए हैं उन्हें भूलेंगे नहीं।
जेलेंस्की की अपील पर अमेरिका और NATO ने रविवार को यूक्रेन को 17 हजार एंटी टैंक मिसाइलें और दूसरे हथियारों की खेप भेजी हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच पोलैंड में शांति समझौते पर तीसरे दौर की बातचीत हो सकती हैं।
युद्ध में किसी ने बच्चे खोए, तो किसी के सिर से उठा पिता का साया:
24 फरवरी से जारी इस जंग में रूसी सेना अब तक यूक्रेन की राजधानी कीव पर तो काबिज नहीं हो पाई हैं, लेकिन उसने यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों पर कब्जा कर लिया हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग ने आम लोगों की जिंदगी दुश्वार कर दी हैं। पुरुष, महिलाएं, बुजुर्ग या बच्चे.. कोई भी मिसाइलों के हमलों और सेना की गोलीबारी के बीच महफूज नहीं हैं।