नई दिल्ली: विश्व में आतंकवाद की नई चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद विरोधी समिति (CTC) की विशेष बैठक आगामी शुक्रवार (28 अक्टूबर) को मुंबई में शुरू होगी। CTC की इस बैठक में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के बारे में सार्थक चर्चा होगी और इसके साथ ही विभिन्न देशों के बीच आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष रूप से जोर दिया जाएगा। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र की 06 आधिकारिक भाषाओं में आयोजित की जाएगी, जो संयुक्त राष्ट्र सदस्यता और आतंकवाद विरोधी समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) के ग्लोबल रिसर्च नेटवर्क के अन्य संबंधित हितधारकों के सदस्यों के लिए खुली होगी।
ट्वीट कर दी जानकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में जानकारी संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने वीडियो संदेश के जरिए ट्वीट कर दी। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों के दौरान आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की चुनौती का मुकाबला करने की दिशा में काफी प्रगति हुई है, लेकिन आतंकवाद की चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं तथा इन कार्रवाइयों में नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा रहा है। भारत में आयोजित इस समिति में नई उभरती प्रौद्योगिकी के जरिए आतंकवादी कार्रवाइयां करने की चुनौतियों पर विशेष रूप से चर्चा होगी।
तीन चुनौतियों पर विचार करेगी समिति

समिति इस बैठक में मुख्य रूप से तीन चुनौतियों पर विचार करेगी, जिसमें पहला, आतंकवादी कार्रवाइयों में इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग, दूसरा, धन उगाही के लिए भुगतान की नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और तीसरा, ड्रोन जैसे मानवरहित हवाई उपकरण का उपयोग शामिल है। यह बैठक मौजूदा और भविष्य के खतरों से मुकाबला करने के लिए नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकी की तैनाती पर विशेष रूप से केंद्रित होगी। इसके साथ ही वर्तमान की चुनौतियों और इन खतरों से निपटने के प्रयासों में मानवाधिकारों और बुनियादी स्वतंत्रताओं का सम्मान किए जाने के मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
टेक्नोलॉजी के उपयोग पर विशेष फोकस
प्रौद्योगिकी के प्रसार और डिजिटलीकरण में तेजी से बढ़ने के साथ आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए नई और उभरती टेक्नोलॉजी का उपयोग सदस्य राज्यों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के बीच बढ़ती रुचि का विषय है। इसके मद्देनजर सुरक्षा परिषद आतंकवाद विरोधी समिति नई और उभरती प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित भारत में विशेष बैठक कर रही है। आतंकवाद में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवाद से संबंधित कई प्रस्तावों में विशेष रूप से संबोधित किया गया है। नई टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद विरोधी समिति ने इस विषय पर एक विशेष बैठक करने का निर्णय लिया है।
15 सदस्य देशों के राजदूत होंगे शामिल
दो दिवसीय बैठक के पहले दिन मुंबई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी पंद्रह सदस्य देशों के राजदूत आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के स्मारक पर श्रद्धांजली अर्पित करेंगे। अगले दिन 29 अक्टूबर को समिति की बैठक राजधानी दिल्ली में होगी। इन बैठकों में चीन के राजनयिक भी भाग लेंगे।
Interpol ने लांच की विश्व की पहली पुलिस मेटावर्स
आतंकवाद रोधी अभियान में ड्रोन का बढ़ेगा इस्तेमाल
सीटीसी आतंकवाद रोधी अभियान में ड्रोन के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। समिति द्वारा दरों के समुचित प्रयोग से संबंधित अनेक प्रौद्योगिकीय कदमों के साथ-साथ बहुत से नीतिगत कदम भी उठाए गए हैं। सीटीसी की सूचना प्रौद्योगिकी मामलों पर संयोजक जैनिफर ब्रैमलेट ने ड्रोन संबंधी मुद्दों पर बताया कि सदस्य देशों ने इस मुद्दे का सामना करने के लिए पहले अनेक कदम उठाए हैं और कई अत्याधुनिक प्रणाली विकसित की गई है। इसके साथ ही ड्रोन की खरीद-बिक्री और उनके उपयोग के बारे में भी एडवाइजरी जारी की गई है।