पटना: वायरल फीवर ने अब बिहार में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है। डॉक्टरों का कहना है कि डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है क्योंकि सही समय पर बच्चों को अस्पताल लाए। वैसे तो वायरल फीवर का कहर पूरे बिहार में जारी है, सभी अस्पताल के वेड फूल है और परिजन भी बदहवास है। सूबे के सबसे बड़ा दूसरा अस्पताल नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु विभाग में 22 बच्चे वायरल फीवर से ग्रसित है, यह बीमारी गम्भीर जरूर होती है लेकिन फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह खुद ही शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष है और वे इस रोग से बचाने के लिए अपने अस्पताल में मुस्तेद है। अधीक्षक ने मुताबिक वायरल फीवर को लेकर पूरे बिहार में हलचल मच रहा है, उससे घबराए नहीं बल्कि उसका सामना करें।
उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में दवा से लेकर वार्ड्स की सारी व्यवस्था है, सही समय पर लाकर अपने बच्चों का ईलाज करवाएं। इस वायरल फीवर से घबराने की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि मानसून में यह वायरस सभी उम्र के लोगों पर अटैक करता है लेकिन नवजात से 05 साल के बच्चों पर ज्यादा हावी होता है। एहतियात के तौर पर इसके लिए मास्क लगाना सभी के लिए जरूरी है।