जालौर: राजस्थान के जालौर में गुरुवार को बाड़मेर हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ELF) की शुरुआत की गई। पाकिस्तान की सटी सीमा पर सुखोई और जगुआर जैसे वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने यहां पर अपना दम दिखाया और हाइवे पर लैंडिंग की। इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने एनएच 925A पर 03 किमी लंबी हवाई पट्टी का उद्घाटन किया।
उद्घाटन के बाद वायुसेना के लड़ाकू विमान सीधे हाइवे पर उतरे। सुखोई, जगुआर और हरक्यूलिस ने आसमान में अपना साहस और दम दिखाया और फिर हाइवे पर लैंडिंग की। बता दें कि भारत-पाकिस्तान सीमा से महज 40 किमी दूरी पर बाड़मेर-जालोर बॉर्डर के अड़गावा में बनी इमरजेंसी हाइवे हवाई पट्टी का उद्धाटन करने के लिए दोनों मंत्री एक साथ दिल्ली से हरक्यूलिस विमान में सवार होकर बाड़मेर पहुंचे।
वायुसेना ने बुधवार को इस हवाई पट्टी पर अपनी पहला अभ्यास किया। इस मौके पर 03 लड़ाकू विमान उतारे। सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। देश में यह पहली बार हुआ है जब किसी नेशनल हाइवे का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किया जा रहा है। इस दौरान एसयू- 30 Mki, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का टारगेट रखा गया था पर इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया।
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इसे भारतमाला प्रोजेक्ट के अन्तर्गत तैयार किया गया है। वायुसेना की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए तैयार किया गया है। यह युद्ध और इमरजेंसी में अहम रोल अदा करने में सक्षम होगा। 32.95 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हवाई पट्टी 03 किमी लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। रक्षा और परिवहन मंत्रालय की मदद से देश में इस तरह के 12 हाइवे तैयार किए जा रहे हैं, जहां विमानों की लैंडिंग कराई जा सके। इससे पहले वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अगले दो दशक में 350 विमान खरीदने की योजना बना रही है। उन्होंने पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की पूरी ताकत को बढ़ाने के लिए विषम क्षमताओं को अपग्रेड करने की जरूरत पर जोर दिया।