यूपी की 57 सीटों पर वोटिंग LIVE: मंत्री स्वाति सिंह के पति भाजपा प्रत्याशी दयाशंकर के काफिले पर हमला, बस्ती में ईवीएम में एक ही बटन दब रहा

seats Voting

लखनऊ: यूपी में 10 जिलों की 57 सीटों seats पर वोटिंग Voting हो रही हैं। सुबह 9 बजे तक 8.69% वोटिंग हो चुकी हैं। योगी सरकार में मंत्री स्वाती सिंह के पति और बलिया सदर से भाजपा प्रत्याशी दयाशंकर सिंह के काफिले पर देर रात हमला हुआ हैं। उन्होंने बताया कि दुबहर इलाके में रात 12:30 बजे हमला हुआ। इसमें उनके साथ चल रहे भाजपा नेता टुनजी पाठक का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। सुरक्षाकर्मियों के मोर्चा संभालने पर हमला करने वाले भाग निकले। इस दौरान लखनऊ की एक गाड़ी और उसके ड्राइवर को समर्थकों ने पकड़ लिया।

उधर, बस्ती के एक बूथ पर ईवीएम में सिर्फ एक बटन ही दब रहा था। हालांकि, सूचना पर तुरंत ईवीएम को बदला गया। उधर, मुख्यमंत्री योगी ने सुबह 7 बजे गोरखपुर में वोट डाला। मीडिया से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि अब तक हम 300 सीटें जीत रहे हैं।

seats Voting

Voting UPDATES

भाजपा सांसद रविकिशन ने गोरखपुर में कहा- न साइिकल, न हाथी न हाथ, यूपी में केवल बाबा आदित्यनाथ। उन्होंने दावा किया कि भाजपा 300 सीट जीत रही हैं। लोगों ने राज राज्य लाने का निर्णय कर लिया हैं।

हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत महेंद्र दास को बलरामपुर में वोट नहीं डाल पाए। उनको मतदान पर्ची नहीं मिल पाई। कहा-बीएलओ ने पर्ची नहीं पहुंचाई। अफसर ने वोट डालने नहीं दिया।

गोरखपुर में तीन जगहों से ईवीएम खराब होने की शिकायत आई हैं। खजनी विधानसभा की बूथ संख्या 80 पर मतदान इसी वजह से 7.30 बजे शुरू हुआ।

सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने डाला वोट। कहा- हम गोरखपुर मंडल की 18 सीटें जीत रहे हैं।

सीएम योगी ने सबसे पहले डाला वोट। उस से पहले गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। सीएम ने पौने 300 से 300 सीटें जीतने का दावा किया।

गोरखपुर के पिपराइच में बूथ नम्बर 33 पर EVM मशीन 57 मिनट तक खराब रही। इस कारण कई लोग बिना वोट डाले ही चले गए।

9 बजे तक यूपी में 8.69% मतदान:

जिला वोटिंग प्रतिशत

गोरखपुर 8.96%

कुशीनगर 9.64%

अंबेडकरनगर 9.46%

बलिया 7.57%

बलरामपुर 8.13%

बस्ती 9.88%

देवरिया 8.39%

महराजगंज 8.90%

संतकबीरनगर 6.80%

सिद्धार्थनगर 8.28%

2017 में भाजपा ने 46 सीटें जीती थीं:

छठे चरण की लड़ाई काफी दिलचस्प हैं। इसके तीन कारण हैं। पहला, अब कुल 111 सीटें बची हैं, जिन पर वोटिंग होनी हैं। यानी जो जितनी ज्यादा सीटें जीत लेगा, लखनऊ तक पहुंच उतनी ही पक्की। ऐसे में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी हैं।

दूसरा, 18 साल बाद पहली बार कोई मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव लड़ रहा हैं। गोरखपुर शहर सीट से योगी खुद मैदान में हैं। इससे पहले मुलायम सिंह ने सीएम रहते हुए चुनाव लड़ा था। तीसरा, इस फेज में जिन जिलों में वोटिंग हैं, उनमें अंबेडकरनगर को छोड़कर बाकी जिले योगी के प्रभाव वाले क्षेत्र माने जाते हैं। यानी महंत योगी की गोरखपुर में सीएम योगी का अपने गढ़ में इम्तिहान हैं।

2017 के चुनाव में इन 57 सीटों में से भाजपा ने 46 जीती थीं। तब योगी सीएम पद का चेहरा नहीं थे? वे विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ रहे थे। ऐसे में यह फेज न सिर्फ सीएम योगी की प्रतिष्ठा, बल्कि उनके राजनीतिक भविष्य के लिए भी काफी अहम माना जा रहा हैं।

इसे भी पढ़े: UP में 5 फेज में 2017 से 1.1% कम मतदान: हर फेज में मतदाताओं में दिखा कम उत्साह, छठे फेज में कल वोटिंग

जातीय गोलबंदी का चक्रव्यूह:

पूर्वांचल की ये सीटें जातीय गोलबंदी का ऐसा चक्रव्यूह हैं, जिसे भेद पाना आसान नहीं हैं। यहां सुभासपा, निषाद दल, अपना दल (एस), अपना दल (कमेरावादी), पीस पार्टी जैसे छोटे-छोटे दल हैं, जो भाजपा-सपा का हाथ पकड़े हैं। यह दल अपनी जातियों का वोट दिलवाने का दावा कर रहे हैं। छठवें चरण में दलित, ओबीसी और ब्राह्मण वोटर निर्णायक हैं।

इन 57 सीटों पर दलित मतदाता करीब 22% से 25% हैं। वहीं, ओबीसी में यादव समुदाय सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद कुर्मी, निषाद, राजभर और चौहान वोटर हैं। यहां देवरिया से लेकर संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया और गोरखपुर में ब्राह्मण वोटरों का भी प्रभाव हैं। यही नहीं, मुस्लिम-यादव और जातीय गुटबाजी के कारण कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हैं। उधर, जातियों को साधने के साथ ही भाजपा मुफ्त राशन, गरीबों को घर जैसी योजनाओं का प्रचार जोर-शोर से कर रही हैं। इसका कारण भी हैं कि इन क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों की संख्या पश्चिम और अवध की तुलना में ज्यादा हैं। सीएम योगी लगातार अपनी रैलियों में यह कह रहे हैं कि अगर सरकार बनी तो मुफ्त आनाज का वितरण होता रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *