नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष और पहलवानों के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, खेल मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए एक निगरानी समिति का गठन कर लिया है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि यह समिति आरोपों की जांच कर एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। लेकिन खिलाड़ियों ने इस कमेटी का विरोध किया है। पहलवानों का कहना है कि कमेटी के गठन से पहले उनकी राय नहीं ली गई। बता दें कि उन्होंने इस कमेटी को भंग करने की अपील की है।
विरोध जताते हुए पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने ट्वीट किए हैं। उन्होंने कहा कि हमें आश्वासन दिया गया था कि निगरानी समिति (Oversight Committee) के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा पर बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय तक नहीं ली गई।
वहीं, विनेश फोगाट ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस निगरानी समिति को भंग कर दिया जाए। इतना ही नहीं, उन्होंने मांग की कि सरकार एक नई समिति का गठन करे। साथ ही जो नई कमेटी बने उसमें हमारी पसंद के मेंबर्स को शामिल किया जाए। विनेश ने कहा कि यह महिलाओं का केस है और यह बहुत ही सीरियस मामला है। हमें उम्मीद है कि मंत्रालय हमारी बात सुनेगा।
निगरानी समिति में जानें किसे किया है शामिल
इससे पहले अनुराग ठाकुर ने कहा था कि हमने खेल संघों को राजनीति से अलग किया है। कमेटी के गठन में भी इस बात का विशेष तौर पर ख्याल रखा है। खेल मंत्री ने कहा था कि समितियों में सिर्फ खिलाड़ियों को ही पद दिया जा रहा है। ओलिंपिक मेडल विजेता मैरी कॉम को 5 सदस्यीय समिति का समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। मैरी कॉम के अलावा योगेश्वर दत्त, तृप्ती मुरगुंडे, राधिका श्रीमन और राजेश राजगोपालन को भी समिति में शामिल किया गया है।
एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी समिति
खेल मंत्री का कहना था कि पहलवानों के आरोपों को खेल मंत्रालय ने धैर्य से सुना। काफी गंभीरता से विचार करते हुए निगरानी समिति का गठन किया है। जो टूर्नामेंट हो रहा था, उसे भी रोका गया है। असिस्टेंड सेक्रेटरी विनोद तोमर को सस्पेंड किया गया है। निगरानी समिति जल्द अपनी जांच शुरू कर देगी, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके। हमारे लिए खेल और खिलाड़ी बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने बहुत अच्छा काम करना शुरू किया है। हम चाहते हैं कि आगे भी बहुत अच्छा हो।