नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार Yashwant Sinha को अपने गृहराज्य झारखंड में ही सबसे बड़ा झटका लगा। यहां अधिकतर विधायकों ने पूर्व राज्यपाल और NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का साथ दिया। NDA के अलावा जेएमएम, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों ने भी मुर्मू को ही वोट दिया। बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने दावा किया कि 75 से अधिक विधायकों के वोट द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पड़े।
बिरंची के मुताबिक 60 से अधिक विधायकों ने NDA उम्मीदवार और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। कुछ नेताओं के दावे के मुताबिक यशवंत सिन्हा को झारखंड के 20 विधायकों का वोट मिला हैं। झारखंड विधानसभा के 81 विधायकों में से 80 ने मतदान किया। बीजेपी के सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो अस्वस्थ होने के कारण मतदान नहीं कर सके। NDA की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिये अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने सुबह मतदान प्रारंभ होते ही ठीक दस बजे पहला वोट डाला जबकि सबसे आखिरी वोट दोपहर 03:55 बजे निर्दलीय विधायक सरयू राय ने दिया।
NCP-निर्दलीय विधायकों ने सुनी ‘अंतरात्मा’ की आवाज
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में NDA विधायकों ने (बीजेपी और आजसू) एकजुट होकर मतदान किया। निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव के अलावा द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की बात कही हैं। झामुमो विधायकों ने पार्टी के ऐलान के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान कर इसे गौरव का क्षण बताया। झामुमो के सभी 30 विधायकों ने उन्हें अपना वोट दिया। वहीं यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को कांग्रेस के विधायकों के अलावा राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता और भाकपा माले विधायक विनोद सिंह का साथ मिला।
पार्टी के निर्णय के हिसाब से किया मतदान : हेमंत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मतदान के बाद कहा हैं कि झामुतो विधायक – सांसदों ने पार्टी के निर्णय के अनुरूप ही मतदान किया हैं। जीत से जुड़े सवाल पर वह मुस्कुरा आगे बढ़ गये। ज्ञात हैं कि झामुमो सुप्रीमो ने पार्टी के निर्णय के अनुसार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान का निर्देश सांसदों और विधायकों को दिया था।
कांग्रेस, राजद, माले विधायक यशवंत के साथ
साढ़े ग्यारह बजे से कांग्रेस विधायकों ने वोट डालना शुरू किया। कांग्रेस के साथ भाकपा माले ने भी विपक्ष के साक्षा उम्मीदवार यशंवत सिन्हा को वोट करने की बात कही हैं। राजद के सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के निर्देशानुसार वोट डाला हैं। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी के निर्णय के अनुसार उन्होंने वोट किया हैं। मंत्री बन्ना गुप्ता ने पार्टी के आदेश के मुताबिक वोट डालने कर बात कहते हुये दो पंक्ति पेश की अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फैसला, जिस दिए में जान होगी वो दिया
रह जाएगा।
वोट देकर निकले कांग्रेस विधायकों पर टिकी रहीं निगाहें
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड विधानसभा में सोमवार को सुबह से ही गहमा-गहमी रही। वैसे तो इस चुनाव में कोई बड़ा रहस्य छिपा हुआ नहीं था, क्योंकि विपक्षी बीजेपी-आजसू और सत्तारूढ़ दल झामुमो का स्टैंड क्लियर था, लेकिन नजर कांग्रेस विधायकों पर थी। कांग्रेस विधायक जब एक-एक कर वोट देकर निकले, तो सबकी निगाहें उनपर टिक गईं। मीडिया कर्मी उनसे बात कर टटोलने का प्रयास करते रहे, लेकिन गुप्त मतदान के कारण मत सार्वजनिक नहीं हुआ।
मतदान केंद्र के आसपास कवर कर रहे मीडिया कर्मियों में इसी बात को लेकर चर्चा होती रही कि कांग्रेस विधाय़कों ने पार्टी लाइन पर ही वोट डाला या अंतरात्मा की पुकार पर वोट डाला। मतदान का समय दस बजे से निर्धारित था, लेकिन सुबह उससे पहले ही विधानसभा परिसर गुलजार था। चुनाव करानेवाले कर्मचारी-अधिकारी, विधानसभाकर्मी और सुरक्षकर्मियों की आमदरफ्त बढ़ गयी थी। दस बजने के पहले मतदाताओं (विधायकों) का आगमन शुरू हो चुका था। विपक्षी बीजेपी और आजसू के विधायक एक ही बस पर सवार होकर विधानसभा परिसर पहुंचे। उसके बाद कांग्रेस के विधायकों का आगमन हुआ।
NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को झारखंड में सबसे अधिक समर्थन
झारखंड में एक सांसद के मत का मूल्य 700 तथा विधायक के मत का मूल्य 176 हैं। 81 निर्वाचित में से एक बीमार विधायक नहीं डाल सके वोट। कुल 80 विधायकों ने किया मतदान। बीस सांसदों ने संसद भवन दिल्ली में किया वोट। विधायकों और सांसदों के वोटों का कुल मूल्य – 28256 हैं। एक विधायक नहीं होने पर 28080 हैं।