कीव/मॉस्को: रूस यूक्रेन Russia Ukraine जंग का आज 41वां दिन हैं। रूसी सेना धीरे-धीरे यूक्रेन के कुछ इलाकों से पीछे हट रही हैं। जिसके बाद इन जगहों की तबाही का मंजर सामने आ रहा हैं। बुचा शहर में रूसी नरसंहार के बाद जगह-जगह बिखरी लाशों ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया हैं। उधर, यूक्रेन के प्रॉसिक्यूटर जनरल का कहना हैं कि बोरोड्यांका शहर के हालात बुचा से भी बदतर हैं। हालांकि, उन्होंने मरने वालों का आंकड़ा नहीं दिया।
दूसरी तरफ मायकोलाइव के मेयर ऑलेक्जेडर सेनकेविच के मुताबिक, बीते रोज शहर पर रूसी हमले में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 46 लोग घायल हैं। 4 अप्रैल को रूस ने रिहायशी इलाकों समेत 2 अस्पतालों, एक अनाथालय, 11 किंडरगार्टन और 12 स्कूल पर हमला किया।
अन्य अपडेट्स:
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक और इंस्टाग्राम ने भी विरोध दर्ज कराते हुए हैशटैग बूचा किलिंग्स को अनब्लॉक कर दिया हैं। पहले हिंसक सामग्री के चलते इस हैशटैग को ब्लॉक कर दिया गया था।
बुचा शहर के नरसंहार की वजह से जर्मनी ने 40 रूसी डिप्लोमैट्स को बाहर निकाल दिया हैं।
विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा की मांग हैं कि इस हफ्ते रूस पर सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं।
बुचा नरसंहार के बाद अमेरिका ने UN से रूस को UNHRC से बाहर निकालने की मांग की हैं।
अमेरिका के NSA जेक सुलविन का कहना हैं कि रूस पर और आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
बाइडेन ने की पुतिन पर मुकदमा चलाने की मांग:
बुचा नरसंहार के बाद के बाद अमेरिका की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को वॉर क्रिमिनल बताते हुए उन पर मुकदमा चलाने की मांग की हैं। बाइडेन ने कहा- बुका में जो हुआ वह भयानक हैं और सभी ने इसे देखा हैं।
Russia में दवाओं की कमी:
जंग के कारण पश्चिम देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के चलते रूस में दवाएं मिलना मुश्किल हो गया हैं। रूस में स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना हैं कि यह घबराकर दवाएं खरीदने और प्रतिबंधों के कारण बनी मुश्किलों के चलते हुआ हैं।