ब्रिटेन में अपना घर home ढूंढ रही एक यूक्रेनी Ukraine शरणार्थी महिला के पोस्ट पर पुरुषों के भद्दे मैसेज की भरमार देखी गई। 30 साल की जूलिया स्कूबेंको ने अपने रहने के लिए सुरक्षित घर ढूंढते हुए एक पोस्ट लिखी। इसमें लोगों की तरफ से सहायता की बजाए भद्दे जवाब सुनने को मिले। महिला ने जूलिया ने पोस्ट में लिखा कि युद्ध के बीच जान बचाने के लिए वह अपनी प्यारी मातृभूमि से भागने के लिए मजबूर थी। उन्हें अपना बसा-बसाया घर छोड़कर आना पड़ा। अब वह रहने के लिए एक घर ढूंढ रही हैं।
मार्मिक पोस्ट पर लोगों ने किए भद्दे कमेंट्स:
यूक्रेन की राजधानी कीव में क्लीनिंग कंपनी चलाने वाली जूलिया ने सोशल मीडिया साइट पर 18,000 यूजर्स के एक ग्रुप से अपील करते हुए मार्मिक पोस्ट डाली थी। पोस्ट के साथ जुलिया ने अपनी एक मुस्कुराती हुई फोटो भी शेयर की। इस पर लिखा था, ‘मुझे कभी भी यह अंदाजा नहीं था कि मुझे इंग्लैंड जाने के लिए मजबूर किया जाएगा।’ इस जंग के बीच निराश जूलिया ने स्वीकार किया कि उन्हें अब फिर से सब कुछ शुरू करना हैं। कुछ लोगों ने पोस्ट पर लिखा कि आप जल्दी ही अपने पैरों पर खड़ी होंगी। कीव में रहने वाली जूलिया ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल के साथ-साथ अपने मोबाइल नंबर भी लिंक किए थे।
कई लोगों ने दिए शादी के प्रपोजल:
जूलिया की पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट किए जिसमें एक ने कहा कि तुम मेरे यहां रह सकती हो। इस पर जूलिया ने कहा कि मैं सिर्फ ऐसे घर में ही रहना चाहती हूं जिसमें पहले से कोई महिला रहती हो। एक अन्य यूजर ने लिखा कि मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूं। अगर तुम चाहो तो हम लोग अपना एक परिवार शुरू कर सकते हैं। एक अन्य यूजर ने जूलिया को अपनी कंपनी में हेल्पर के तौर पर नियुक्त करने की पेशकश की। उसने जूलिया के सामने खुद को एक तेल कंपनी और एक बैंक का मालिक होने का दावा किया। जूलिया का कहना हैं, ‘मुझे यह विश्वास नहीं हो रहा हैं कि उस पोस्ट पर कई पुरुष यूक्रेनी महिलाओं को लेकर दया दिखा रहे हैं।’
वॉर के बीच फंसी कई महिलाएं:
पोस्ट पर कई यूजर्स यह भी लिख रहे हैं कि जंग के बीच यूक्रेनी महिलाओं का फायदा उठाया जाएगा क्योंकि उनके पास कोई विकल्प नहीं हैं। जूलिया ने कह, ‘मुझे अपने देश की लड़कियों की चिंता हैं। मेरे पोस्ट पर कुछ लोग अजीबोगरीब कमेंट कर रहे हैं तो कुछ दया दिखा रहे हैं।’
मदद के लिए चलाई जा रही कई योजनाएं:
यूक्रेन पर हमले के बाद से लाखों बेघर हो चुके हैं। यूनाइटेड किंगडम ने बेघरों को आश्रय मुहैया कराने के लिए ‘ होम फॉर यूक्रेन’ नाम से एक परियोजना शुरू की हैं। इसके तहत ब्रिटिश लोग यूक्रेन के लोगों को अपने घरों में 6 महीने तक पनाह दे सकते हैं। एक हफ्ते में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने शरणार्थियों के लिए पनाह के लिए घर ऑफर किए हैं।
महिलाओं और बच्चों को निशाना बना रहे अपराधी:
इस योजना का मकसद यूक्रेन से युद्ध के बीच जान बचाकर भागे लोगों को सुरक्षित आश्रय देना हैं। हालांकि, 18 शरणार्थी संगठनों और तस्करी रोकने वाले समूहों ने इस बारे में चेतावनी दी हैं। ब्रिटेन के सामुदायिक सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया हैं कि यह मानव तस्करों के लिए एक अवसर साबित हो रहा हैं। अपराधियों ने महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया हैं। एनजीओ को डर हैं कि यूक्रेन से भागे लोगों को घर में पनाह देने के नाम पर तस्करी भी की जा सकती हैं। इससे सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं और बच्चों को हैं।
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मदद के नाम पर हो सकती हैं महिलाओं की तस्करी:
इन संगठनों का कहना हैं कि यह योजना टिंडर ऐप की तरह हो गई हैं जहां लोग आश्रय लेने के लिए बाएं और दाएं स्वाइप करते हैं। ज्यादातर लोग कहते हैं कि उन्हें एक अविवाहित महिला की जरूरत हैं जो उनके बच्चों की देखभाल कर सके। एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि हमें चिंता हैं कि यह योजना मानव तस्करी शुरू कर सकती हैं। हम बहुत से ऐसे लोगों को जानते हैं जो सोशल मीडिया पर अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए घर में रहने का ऑफर देकर महिलाओं और बच्चों को गलत कामों में धकेला जा सकता हैं।