नई दिल्ली: देशभर में छठ पूजा (Chhath Puja) का त्योहार 28 अक्टूबर, शुक्रवार से शुरू हो रहा हैं। भगवान सूर्य व छठी माता को समर्पित छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता हैं। यह पर्व चार दिन तक चलता हैं। इस साल ये 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेगा। छठ पूजा में संतान के स्वास्थ्य, सफलता व दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता हैं। इस व्रत को महिलाओं के साथ पुरुष भी रखते हैं।
28 अक्टूबर से छठ पूजा की शुरुआत
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाए खाए किया जाता हैं। इस साल चतुर्थी तिथि 28 अक्टूबर को हैं। ऐसे में छठ पर्व की शुरुआत शुक्रवार से होगी। नहाए खाए के दिन महिलाएं घर की साफ-सफाई करती हैं। घर में चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बनता हैं। इस भोजन में सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता हैं।
29 अक्टूबर को खरना
छठ पर्व का दूसरा दिन खरना का होता हैं। इस साल खरना 29 अक्टूबर को होगा। इस दिन महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं और रात को ग्रहण करती हैं। इसे प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता हैं। इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता हैं।
छठ पूजा का पहला अर्घ्य
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान हैं। व्रती महिलाएं या पुरुष पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं। इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 05:37 मिनट हैं।
छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य
चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद छठ पूजा का समापन होता हैं। फिर व्रत पारण किया जाता हैं। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06:31 मिनट हैं।