स्वर कोकिला का अस्थि संचय: लता मंगेशकर की अस्थियों को तीन कलशों में लेकर घर पहुंचे भतीजे आदिनाथ, परिवार वाले अलग-अलग जगहों पर कर सकते हैं अस्थि विसर्जन

Swara Nightingale Lata Mangeshkar

मुंबई: स्वर कोकिला Swara Nightingale लता मंगेशकर Lata Mangeshkar अब हमारे बीच नहीं रहीं। सोमवार को उनके भतीजे आदिनाथ अस्थि संचय के लिए शिवाजी पार्क पहुंचे। जहां लता जी की अस्थियों को विधि विधान के साथ तीन कलशों में रखा गया। मंगेशकर परिवार की तरफ से कुल 2 पंडितों ने आदिनाथ के साथ पूरे विधि विधान से अस्थियों की प्रकिया पूरी की।

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पंडितों द्वारा विधि प्रक्रिया पूरी करने के बाद लता मंगेशकर जी की अस्थियां उनके भाई और संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर के बेटे आदिनाथ मंगेशकर को सौंप दी गईं। जिसके बाद आदिनाथ अस्थियों को लेकर लता मंगेशकर के निवास स्थान पेडर रोड स्थित प्रभु कुंज पहुंचे। इसके बाद अब परिवार के लोग निर्णय लेंगे की अस्थियों का विसर्जन कहां किया जाएगा।

अलग-अलग जगहों पर किया जा सकता हैं अस्थि विसर्जन:

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कुल तीन कलशों में लता जी की अस्थियों को रखा गया हैं, इसलिए अंदेशा हैं कि अलग-अलग जगहों पर अस्थियों का विसर्जन किया जा सकता हैं। हालांकि, लता जी अस्थियों को कहां विसर्जित किया जाएगा, इसको लेकर अभी तक परिवार की तरफ से कोई बयान नहीं आया हैं।

आर्य वैदिक विधि विधान से किया गया लता जी का अस्थि संचय: पंडित भूपेंद्र शास्त्री

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लता मंगेशकर के अस्थि संचय के बारे बताते हुए पंडित आचार्य भूपेंद्र शास्त्री ने बताया, “आज लता जी का अस्थि संचय का कार्य और पूजन आर्य वैदिक विधि विधान से किया गया। उनका अंतिम संस्कार भी वैदिक विधि से किया गया था। दीदी जी के लिए यह कहना चाहता हूं कि उन्होंने जाने से पहले अपने हर दायित्व को पूरा किया।”

अस्थि विसर्जन कहां किया जाएगा, यह फैसला परिवार वाले ही लेंगे:

पंडित आचार्य भूपेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, “समाज, परिवार और राष्ट्र के लिए समस्त कर्तव्यों को भी उन्होंने पूरा किया और इसीलिए दीदी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। महान पवित्र आत्मा की जो कमी हुई हैं, उसे कोई पूरा नहीं कर सकता। उनके ऋणों को कभी चुकाया भी नहीं जा सकता हैं।” भूपेंद्र शास्त्री ने यह भी बताया कि लता दीदी का अस्थि विसर्जन कहां किया जाएगा, यह फैसला उनके परिवार वाले ही लेंगे। अस्थि संचय के दौरान वहां मौजूद लोगों ने लता जी अमर रहे के नारे भी लगाए।

शिवाजी पार्क में लता दीदी का स्मृति स्थल बनाने की मांग:

वहीं लता मंगेशकर के करोड़ों फैंस और संगीत प्रेमियों ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर मांग की हैं कि लता दीदी का अंतिम संस्कार जिस जगह पर किया गया, वहीं पर उनका स्मृति स्थल बनाया जाए। बता दें कि शिवाजी पार्क में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का स्मृति स्थल बना हुआ हैं। बाल ठाकरे के बाद लता मंगेशकर दूसरी हस्ती हैं, जिनका शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया गया। उनका अंतिम संस्कार उस जगह से थोड़ी ही दूरी पर हुआ, जहां बाल ठाकरे का हुआ था।

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राजकीय सम्मान के साथ हुआ था लता जी का अंतिम संस्कार:

बता दें कि लता मंगेशकर ने रविवार सुबह 8 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। 92 साल की लता मंगेशकर को 8 जनवरी को कोरोना और निमोनिया के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लता जी की पार्थिव देह रविवार दोपहर करीब 1.10 बजे उनके घर ‘प्रभु कुंज’ पहुंची थी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके घर से तिरंगे में लपेटकर सेना के ट्रक में रख कर शिवाजी पार्क लाया गया था। जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कल शाम 7 बजकर 16 मिनट पर किया गया था। उनके भाई और भतीजे ने उन्हें मुखाग्नि दी थी।

लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे शाहरुख खान, सचिन तेंदुलकर, आमिर खान, रणबीर कपूर, शंकर महादेवन, संजय लीला भंसाली, जावेद अख्तर, श्रद्धा कपूर समेत कई हस्तियां और फैंस वहां मौजूद थे।

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