कोरोना जैसा वायरस बना रहा ड्रैगन: लोगों को नहीं मिल रहा खाना और दवाइयां, लेकिन पाक के साथ बायो वेपन बनाने में जुटा चीन

Corona virus

कोरोना Corona का कहर अभी खत्म नहीं हुआ हैं और चीन पाकिस्तानी सेना के साथ नया वायरस virus बनाने में जुट गया हैं। ऑस्ट्रेलियाई पोर्टल द क्लेसॉन में की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ हैं। इसके अनुसार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के निर्देश पर पाकिस्तान में ये घातक बायो वेपन बनाए जा रहे हैं।

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) और पाकिस्तान सेना के अधीन डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (डेस्टो) नया स्ट्रेन बनाने में जुटी हैं। पाकिस्तान की जिस लैब में ये नया कोरोना स्ट्रेन विकसित किया जा रहा हैं उसके पास बायो सेफ्टी लेवल-4 हैं यानी इस लैब में घातक स्ट्रेन बनाए जा सकते हैं।

दूसरी तरफ, चीन में इन दिनों कोरोना तेजी से पैर पसार रहा हैं। ओमिक्रॉन के चलते देश के अधिकांश हिस्से में लॉकडाउन लगा हुआ हैं। घरों में बंद लोग खाना और दवाइयों के लिए तरस रहे हैं।

इस पर रोक जरूरी:

सिंगापुर यूनिवर्सिटी के डॉ. रयान क्लॉर्क ने बताया कि चीन और पाकिस्तान के इस बायो वेपन प्रोग्राम पर यदि अंतराराष्ट्रीय समुदाय ने जल्द रोक नहीं लगाई तो यहां से कोरोना से कई गुना घातक वायरस स्ट्रेन दुनिया के लिए घातक साबित होंगे। इस पर रोक लगनी जरूरी चाहिए।

चीन में 3.5 लाख नए Corona केस:

चीन में मार्च के बाद से ओमिक्रॉन के नए केस तेजी से बढ़े हैं। इसके चलते 45 शहरों में लॉकडाउन लगाया हैं। इसे तोड़ने वालों पर जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान हैं। शंघाई में पिछले एक महीने से 2.6 करोड़ लोग लॉकडाउन के कारण घरों में कैद हैं। इसके कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इसमें दिख रहा हैं कि लोग अपने अपार्टमेंट की खिड़कियों से हेल्प-हेल्प चिल्ला रहे हैं और बता रहे हैं कि उनके पास खाने का सामान खत्म हो गया हैं।

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मरीजों को भर्ती होना जरूरी पर दवाएं नहीं:

चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर दी हैं। इसके तहत कोरोना मरीजों का अस्पताल में भर्ती होना जरूरी हो गया हैं। वहीं कई लोगों को होम आइसोलेट भी कर दिया गया हैं। इस वजह से यहां खाने और दवाओं की कमी हो गई हैं। शंघाई शहर के 50 से ज्यादा अस्थायी अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं। साथ ही मेडिकल कर्मियों के पास पीपीई किट और मास्क नहीं हैं।

माओ पॉलिसी को रिपीट कर रहे हैं शी जिनपिंग:

1953 में माओ ने अकाल का दोष गौरेया चिड़िया को माना था। जीरो स्पैरो की पॉलिसी जारी की गई थी। अब राष्ट्रपति जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू की हैं। चीनी अफसर पेट्स को मार रहे हैं। वायरल वीडियो में डॉग्स को मारते देखा जा सकता हैं।

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