रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने भारत को सबसे शक्तिशाली देशों में से एक बनाने के लिए किया आह्वान

Nation's collective responsibility to help soldiers and their families: Rajnath Singh

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 28 मार्च को महाराष्ट्र के पुणे स्थित सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड) विश्वविद्यालय में फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशॉ स्मारक व्याख्यान दिया। उन्होंने आने वाले समय में भारत को सबसे शक्तिशाली देशों में से एक बनाने को लेकर सरकार की सोच को साकार करने में सहायता करने के लिए युवाओं से नई कंपनियों और अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठानों के बारे में सोचने, नवाचार करने और उन्हें स्थापित करने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने बताया कि अब जबकि देश ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है, सरकार ने नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग और व्यापार करने में सुगमता, जिसने युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर दिया, को बढ़ावा देने को लेकर कई नीतियों व कदमों को लागू करके एक मजबूत और आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ के लिए आधार तैयार किया है।

रक्षा मंत्री ने व्यवसाय की स्थापना के लिए प्रौद्योगिकी को सबसे महत्वपूर्ण घटक बताया। राजनाथ सिंह ने इस पर जोर दिया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) जैसे अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठानों में बड़े पैमाने पर सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा और उद्योग के बीच जुड़ाव स्थापित किया है, जिससे अब विश्वविद्यालयों के किए जा रहे शोध अत्याधुनिक तकनीकों और उत्पादों के विकास के लिए उद्योगों तक पहुंचते हैं।

रक्षा मंत्री ने इस पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसमें युवा प्रज्‍ज्वलित मस्तिष्क की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने युवाओं से सरकार की नीतियों का लाभ उठाने, आर्थिक क्षेत्र में क्रांति लाने और संपत्ति निर्माता बनकर विकास गाथा में अपना योगदान देने का अनुरोध किया।

राजनाथ सिंह ने भारत के युवाओं की अद्वितीय ऊर्जा की तुलना परमाणु ऊर्जा की विशेषताओं से की और इसके प्रभावी उपयोग के लिए ‘दिशा’ की महत्ता पर जोर दिया। अपने इस वक्तव्य के समर्थन में उन्होंने कहा, “भारत में आज 90,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं और यह युवाओं के उत्साह व ऊर्जा के कारण संभव हुआ है।” उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार परमाणु ऊर्जा के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए दिशा की जरूरत होती है, उसी प्रकार युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण और सामाजिक कल्याण के लिए निर्देशित करने की आवश्यकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस ऊर्जा को मूल्यों, संस्कृतियों और परंपराओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है।

वहीं, रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त कि कि जल्द ही देश में नई व्यावसायिक संस्थाएं और कारखाने स्थापित होंगे और उनमें विशेषज्ञ लोग अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी उतनी ही जिम्मेदारी है, जितनी कि उनकी अपनी कंपनियों के लिए है। रक्षा मंत्री ने उनसे सभी हितधारकों के हितों का ध्यान रखने और साथ ही यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि देश को सर्वश्रेष्ठ और सस्ते उत्पाद व सेवाएं प्राप्त हों। उन्होंने संबंधित संगठन की आपूर्ति श्रृंखला में एमएसएमई और विक्रेताओं के समय पर भुगतान और सुरक्षित भविष्य के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के उपयोग का आह्वान किया। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने उनसे एक प्रबुद्ध कॉरपोरेट नागरिक के रूप में अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने का भी अनुरोध किया।

5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ता भारत

विभिन्न एजेंसियों के सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत लगातार अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है और साल 2047 तक खुद को विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने की राह पर है। उन्होंने इस पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि बदली है और पूरा विश्व, नई दिल्ली के विचारों को उत्सुकता से सुनता है। उन्होंने कहा कि भारत, विश्व के लिए एक पसंदीदा और भरोसेमंद निवेश गंतव्य के रूप में सामने आया है। श्री सिंह ने कहा, “निर्यात हो या एफडीआई, आयकर या जीएसटी का रिकॉर्ड संग्रह, हमारा देश लगभग हर मोर्चे पर बहुत बेहतर कर रहा है।”

रक्षा मंत्री ने व्यापार करने में सुगमता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के किए गए कई सुधारों का भी उल्लेख किया, जिनमें पुराने अप्रासंगिक नियमों और विनियमों को समाप्त करना शामिल है। उन्होंने कहा, “दशकों से कई ऐसे नियम और कानूनों का अनुपालन किया जा रहा था, जो युवाओं के रास्ते में बाधक बन गए थे। हमने उन नियमों व विनियमों को समाप्त कर दिया और युवाओं को उनके सपनों को साकार करने में सहायता करने के लिए नए नियम लाए।”

राजनाथ सिंह ने बैंकिंग क्षेत्र में सरकार के किए गए सुधारों की श्रृंखला को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “2014 में कई बैंक डूबे हुए कर्जों (एनपीए) और घाटे के बोझ तले दबे हुए थे। वे नए कर्ज को देने की स्थिति में बिल्कुल नहीं थे। कुछ बैंकों के निजीकरण के जरिए हम उन्हें नया जीवन देने के प्रयास कर रहे हैं। हमने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजीकृत करके उन्हें फिर से जीवित किया है। हमने उन बैंकों को वापस पटरी पर लाया है, जो अब तक एनपीए या अन्य कारणों से घाटे में चल रहे थे। आज वे बाजार में अच्छा कर रहे हैं व कर्ज देने की स्थिति में हैं।”

अलावा इसके राजनाथ सिंह ने खुदरा निवेशकों के लिए उठाए गए कदमों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमने इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाई, ट्रेडिंग प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी व डिजिटल प्रणाली को बढ़ावा दिया और ट्रेडिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया। अब मोबाइल के साथ गांवों और सुदूर इलाकों में रहने वाले लोग भी जोखिम को समझते हुए शेयर बाजार में निवेश करने को तैयार हैं। इस तरह बड़ी संख्या में खुदरा निवेशकों के बाजार में आने से इसकी गहराई और लचीलता में बढ़ोतरी हुई है।

रक्षा मंत्री ने इस पर जोर दिया कि देश 2047 में अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर रहा है, ऐसे में भारत को एक मजबूत व समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को लक्ष्यों का रोडमैप तैयार करने और उन्हें प्राप्त करने को लेकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने किसी राष्ट्र की प्रगति में प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया और इसे सामाजिक- आर्थिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रबंधन एक संगठन के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने व वहां की संस्कृति को आकार देने में सहायता करता है। आधुनिक संगठनों में प्रबंधन एक प्रमुख आधार की तरह काम करता है। चाहे वह मानव, भौतिक या वित्तीय संसाधनों का प्रभावशाली उपयोग हो, या फिर चीजों को सही करने से लेकर सही कार्य करना, ये सब प्रबंधन के हिस्से हैं।

फील्ड मार्शल एसएचएफजे मानेकशॉ स्मारक व्याख्यान का आयोजन जी-20 विचारक व्याख्यान महोत्सव श्रृंखला के एक हिस्से तहत किया गया था।

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