दिल्ली एनसीआर में “Earthquake” के तगड़े झटके, नेपाल में रहा केंद्र, 6.3 मापी गई तीव्रता

Earthquake in Delhi-NCR 6.3 Intensity measured

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को तड़के भूकंप “Earthquake” के तगड़े झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व दक्षिण-पूर्व नेपाल में था। भूकंप के झटके देर रात करीब 01:57 बजे महसूस किए गए। मणिपुर में भी इसके झटकों को महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। दिल्ली-एनसीआर के अलावा ये झटके उत्तर प्रदेश के कई जिलों, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में भी महसूस किए गए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 90 किमी दक्षिण पूर्व नेपाल में भूकंप का केंद्र बताया। सनद रहे उत्तराखंड और उससे सटे नेपाल के हिमालयी क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से कम तीव्रता के भूकंप आ रहे हैं। भूकंप से किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि लोग जग गए। लोगों को एकदूसरे को फोन करते भी देखा गया। लोगों ने अपनी चारपाई अथवा बेड को हिलते हुए महसूस किया। भूकंप काफी देर तक रहा। भूकंप के बाद केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट कर कहा- ट्वीट नहीं करना चाहती लेकिन यह भूकंप जैसा महसूस हुआ। कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित रहने को कहा। रेडियो जॉकी रौनक ने कहा- यह डरावना था, बेहद डरावना।

इससे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में रात आठ बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 मापी गई। इस भूकंप ने कई साल पहले नेपाल की राजधानी काठमांडू में आए भीषण भूकंप की यादें ताजा कर दी हैं। मालूम हो कि नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई थी जबकि हजारों घायल हो गए थे। इस भूकंप के झटकों को बिहार, उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में महसूस किया गया था।

इसी साल जून महीने में अफगानिस्तान में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी जबकि हजारों लोग घायल हो गए थे। वैज्ञानिकों की मानें तो धरती के भीतर प्लेटों के टकराने से भूकंप के झटके आते हैं। भूकंप के लिहाज से पूरे भारत को कई भूकंपीय जोनों में बांटा गया हैं। दिल्ली जोन-04 में रखा गया हैं। यह भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं। जोन 05 में आने वाले स्थानों को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता हैं। पिछले साल केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सभी शहर भूकंप के लिहाज से जोखिम वाली जगहों में शामिल हैं।

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