जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ देश के 50वें न्यायाधीश बने

Justice D.Y. Chandrachud became 50th judge country

नई दिल्ली: जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ( D.Y. Chandrachud ) ने देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली हैं। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। वह मंगलवार को ही रिटायर होने वाले चीफ जस्टिस यूयू ललित की जगह लेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ अपने खानदान की दूसरी पीढ़ी हैं, जो न्यायिक व्यवस्था के शीर्ष पर पहुंची हैं। उनसे पहले उनके पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी देश के मुख्य न्यायाधीश थे। उनके ठीक 44 साल बाद डीवाई चंद्रचूड़ को यह गौरव हासिल हुआ हैं। उनका कार्यकाल करीब दो साल का रहेगा और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायरमेंट लेंगे। 11 नवंबर, 1959 को जन्मे डीवाई चंद्रचूड़ ने साल 1998 में देश के अडिशनल सॉलिसिटर जनरल के तौर पर भी काम किया था।

पिता वाईवी चंद्रचूड़ के नाम हैं बड़ा रिकॉर्ड

उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर साल 2013 में शपथ ली थी। वह बॉम्बे हाई कोर्ट से भी जुड़े रहे हैं और साल 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ के नाम भी एक बड़ा रिकॉर्ड रहा हैं। वाईवी चंद्रचूड़ ने 22 फरवरी, 1978 को चीफ जस्टिस की शपथ ली थी और 11 जुलाई, 1985 तक इस पद पर रहे थे। वह देश के सबसे लंबे कार्यकाल वाले चीफ जस्टिस थे। अब उनके बेटे डीवाई चंद्रचूड़ को भी दो साल का कार्यकाल मिला हैं। अकसर चीफ जस्टिस को इससे भी कम का कार्यकाल मिलता हैं। मंगलवार को ही रिटायर होने वाले जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल महज 74 दिनों का ही था।

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अयोध्या विवाद से लेकर प्रेग्नेंसी तक सुना चुके अहम फैसले

भारतीय संविधान से जुड़े अहम मामलों से लेकर कई आपराधिक और दीवानी मामलों के फैसले वह सुना चुके हैं, जिनका देश की तस्वीर बदलने में अहम योगदान रहा हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने पिता के ही दो फैसलों को पलटा हैं, जिसके लिए उनकी चर्चा होती रही हैं। अयोध्या जन्मभूमि विवाद, राइट टू प्राइवेसी, सेक्शन 377 और आधार स्कीम की वैधता समेत ऐसे कई अहम मामले रहे हैं, जिनका फैसला सुनाने वाली बेंच का जस्टिस चंद्रचूड़ हिस्सा रहे हैं। हाल ही में अवविवाहित महिलाओं को भी 06 माह तक का गर्भ गिराने की परमिशन वाले देने वाली बेंच का भी वह हिस्सा थे।

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