बदल गया Indian Navy का झंडा, अब मिल गई है छत्रपति शिवाजी की निशान

INS Vikrant

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 02 सितंबर को यानी आज कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS Vikrant को सौंपते हुए भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए नए ध्वज का भी अनावरण किया। पुराने झंडे में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस को भी रखा गया था। पीएम मोदी ने इसे गुलामी का प्रतीक करार दिया। नए ध्वज में छत्रपति शिवाजी महाराज के चिन्ह को अपनाया गया है। नए निशान पर इंडियन नेवी का आदर्श वाक्य ‘सम नो वरुण:’ दिख रहा है।

बता दें कि 15 अगस्त, 1947 को देश जब आजाद हुआ तो भारतीय रक्षा बलों ने ब्रिटिश औपनिवेशक झंडे और बैज को जारी रखा। 26 जनवरी, 1950 को इसके पैटर्न में बदलाव किया गया था। नौसेना के ध्वज को भी बदल दिया गया था लेकिन ध्वज में एकमात्र अंतर यह किया गया था कि यूनियन जैक की जगह तिरंगा लगाया गया था। जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा गया था।

Indian Navy flag changed, now Chhatrapati Shivaji mark has been found

ध्वज में हुए कई बदलाव लेकिन जॉर्ज क्रॉस नहीं हटाया गया। साल 2001 में भी एक बदलाव किया गया था। हालांकि, उस वक्त भी सेंट जॉर्ज क्रॉस को नहीं हटाया गया था। नौसेना के ध्वज में बदलाव की मांग लंबे समय से की जा रही थी। वाइस एडमिरल वीईसी बारबोजा ने इसको लेकर सुझाव भी दिया था, जो नौसेना से फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ पश्चिमी नौसेना कमान के रूप के रूप में रिटायर हुए थे। साल 2004 में एक और बदलाव किया गया था पर इस समय भी सेंट जॉर्ज क्रॉस को नहीं हटाया गया। वर्ष 2014 में देवनागरी लिपि में अशोक चिन्ह के नीचे ध्वज पर ‘सत्यमेव जयते’ शब्द शामिल किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने आज नए ध्वज का अनावरण किया, जिसके ऊपरी कैंटन पर राष्ट्रीय ध्वज है। राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक नीला अष्टकोणीय आकार भी है। यह नौसेना के आदर्श वाक्य के साथ ढाल पर लगाया जाता है। नौसेना ने नए ध्वज को प्रदर्शित करते हुए वीडियो में कहा कि जुड़वां सुनहरी सीमाओं के साथ अष्टकोणीय आकार महान भारतीय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से प्रेरणा लेता है जिनके दूरदर्शी समुद्री दृष्टिकोण ने एक विश्वनीय नौसैनिक बेड़े की स्थापना की।

पीएम मोदी ने देश को सौंपा स्वदेशी महाबली युद्धपोत INS Vikrant

नौसेना ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बेड़े में 60 युद्धपोत और लगभग 5,000 पुरुष शामिल थे। शिवाजी महाराज की अवधि के दौरान बढ़ती मराठा नौसेनिक शक्ति बाहरी आक्रमण के खिलाफ समुद्र तट को सुरक्षित करने वाली पहली सेना थी।

भारत ने भारतीय नौसेना के नए निशान का अनावरण करते हुए कहा कि भारत ने औपनिवेशिक अतीत को त्याग दिया है। उन्होंने कहा कि आज 02 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है।

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