लद्दाख: पूर्वी लद्दाख इलाके में पिछले दो साल से ज्यादा समय से चीन के साथ भारत के तनाव को कम करने की दिशा में एक और प्रगति हुई हैं। भारत के बाद अब चीनी सेना ने पुष्टि की हैं कि लद्दाख (Ladakh) स्थित गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से सेना हटाई जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा हैं कि गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स पर 08 सितंबर से ही दोनों सेनाओं की ओर से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि 12 सितंबर तक दोनों सेनाएं इस जगह को खाली कर देंगी। दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी हैं कि पूरे क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाया जाएगा और वापस अपने क्षेत्र में बुलाया जाएगा।
चीनी सेना ने कहा हैं कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पीपी-15 से दोनों देशों की सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। यह सुनियोजित व समन्वित ढंग से होगी। जुलाई में हुई चीन-भारत के कोर कमांडर स्तर की 16 वें दौर की वार्ता में बनी आम सहमति के अनुसार 08 सितंबर से जियान डाबन के क्षेत्र में चीनी और भारतीय सैनिकों ने समन्वित और नियोजित तरीके से वापसी शुरू कर दी हैं।
चीनी रक्षा मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को बीजिंग में जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही गई हैं। इसमें सीमावर्ती इलाकों में शांति के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। बीजिंग में तैनात भारतीय अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि चीन की सैन्य प्रेस विज्ञप्ति द्वारा संदर्भित जियान डाबन क्षेत्र गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 के समान हैं, जिसका उल्लेख गुरुवार को जारी भारतीय प्रेस विज्ञप्ति में किया गया हैं। हालांकि साझा बयान में दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र के नाम अलग-अलग बताए हैं।
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भारत के प्रेस सूचना ब्यूरो, पीआईबी द्वारा गुरुवार रात दिल्ली में जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि 08 सितंबर 2022 को भारत चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक में हुई सहमति के अनुसार, क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों ने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पीपी-15 से वापसी शुरू कर दी हैं।
एससीओ की बैठक में मिलेंगे मोदी-जिनपिंग?
उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन एससीओ के वार्षिक शिखर बैठक होने जा रही हैं। इस सम्मेलन से करीब एक सप्ताह पहले यह घोषणा की गई। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने की उम्मीद हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं की यहां मुलाकात हो सकती हैं। हालांकि दोनों ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया हैं।
भारत चीन सैन्य गतिरोध दूर करने की दिशा में यह एक और बड़ा कदम हैं। हालांकि अभी कई क्षेत्रों में दोनों देशों की सेना डटी हुई हैं। भारत लगातार कह रहा हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति जरूरी हैं, तभी द्विपक्षीय रिश्तों में समग्र सुधार होगा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख मामले में अब तक 16 बार बातचीत हो चुकी हैं।