Amritpal मामला: आग में घी डालने का काम कर रहे हैं कनाडा में बैठे नेता, इनपुट से हुआ खुलासा

Police chased Amritpal Singh for 20-25 km, large scale operation

नई दिल्ली: कनाडा में बैठे पूर्व मंत्री और स्थानीय नेताओं समेत कई सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग पंजाब में अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) मामले को हवा दे रहे हैं। खुफियां एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक कनाडा और अमेरिका में बैठे लोगों ने ना केवल टूल किट के जरिए अभियान चलाया, बल्कि अमृतपाल मामले को ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी बड़ी घटना से भी जोड़कर माहौल को खराब करने की कोशिश भी कर रहे हैं। जबकि कुछ संगठन तो दुनिया के अलग-अलग देशों में भारतीय दूतावासों के बाहर लंदन जैसी घटना के लिए भी बरगला रहे हैं। फिलहाल इस पूरे मामले में अपने देश की सुरक्षा एजेंसियों ने और विदेश मंत्रालय भी अलर्ट पर है। अमृतपाल मामले में देश की खुफिया एजेंसियों को दूसरे देशों की धरती से अपने देश में माहौल खराब करने की मुहिम की भी जानकारियां मिली हैं।

खालसा एड भी सामने आया

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार अमृतपाल मामले में दुनिया भर के अलग-अलग देशों से पंजाब में अस्थिरता बनाने के लिए माहौल खराब किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कनाडा के कई संगठन और कुछ नेताओं की ओर से पंजाब में बंद की गई इंटरनेट सेवाएं और धारा 144 को लगाए जाने पर न सिर्फ ट्वीट किए गए बल्कि उन ट्वीट की भाषा देश में माहौल खराब करने जैसी ही मिली। सुरक्षा एजेंसियों के पास पहुंचे इनपुट के मुताबिक कनाडा के नेता जगमीत सिंह ने पंजाब में बंद की गई इंटरनेट सुविधाओं पर ट्वीट किया है। उनके ट्वीट में इस बात का जिक्र है कि इंटरनेट ब्लैकआउट करके भारत ने लोगों की इंटरनेट स्वतंत्रता को रोक दिया है।

अलावा इसके उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को 1984 में हुए सिख दंगों से भी जोड़ा है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक जगमीत सिंह ही नहीं बल्कि कनाडा से खालसा एड नाम की संस्था चला रहे जिंदी सिंह ने भी ट्वीट करके सिख युवाओं को भड़काने का काम किया है। खालसा एड ने सिख अधिकारों के लिए युवा सिखों के पैरों पर आई जिम्मेदारी का आह्वान किया है। खुफिया मामलों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक खालसा एड लगातार विदेशी टीवी चैनलों और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से पंजाब के हालातों पर अपने बयान भी दे रहे हैं।

सिखों को भड़काने वालों पर नजर रख रहीं एजेंसियां

खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस तरीके के जितने भी सोशल मीडिया अकाउंट से मैसेज पूरी दुनिया भर में प्रचारित प्रसारित किए जा रहे हैं उन पर निगाहें रखीं जा रहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ खालिस्तान समर्थक सिख संगठनों के अलावा कुछ कनाडाई नेता भी इस मामले में लगातार ट्वीट कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कनाडा में सिख सांसद है जसराज सिंह हल्लन और सांसद टिम एस उप्पल। दोनों कनाडा में मंत्री भी रह चुके हैं। कनाडा की सिख कम्युनिटी में दोनों सांसदों की अच्छी खासी दखल भी है। पंजाब में जैसे ही अमृतपाल गिरफ्तारी को लेकर पुलिस सक्रिय हुई और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई, तो दोनों सांसदों ने एक ही दिन और तकरीबन एक ही समय पर एक जैसा ही ट्वीट किया। दोनों नेताओं के ट्वीट में पंजाब में इंटरनेट सेवाओं के बंद करने के अलावा धारा 144 लगाए जाने पर कहां की वह पंजाब के मामले में बहुत करीब से चीजों को देख रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों की माने तो पंजाब के मामले में विदेश में बैठे लोगों के ट्वीट को बारीकी से देखा जा रहा है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक सोशल मीडिया पर जो ट्वीट या मैसेज किए जा रहे हैं वह कॉपी पेस्ट और रिट्वीट करके ही बढ़ाए जा रहे हैं। यह ट्वीट वहां के नेताओं और संस्थाओं की ओर से बढ़ाए जा रहे हैं।जिस पर जांच एजेंसियों की नजर बनी हुई है।

कई देशों में हो सकती है लंदन जैसी घटना

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इंटरनेशनल एजेंसियों के माध्यम से उनको ऐसी सूचनाएं भी मिल रही है कि लंदन जैसी घटना दुनिया के और भी कई मुल्कों में हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि अमेरिका स्थित एक संगठन में न्यूयॉर्क में लंदन जैसी घटना के लिए लोगों को इकट्ठा करने की अपील भी की है। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय से लेकर खुफिया एजेंसियों की पूरी निगाहें लगी हुई है। संबंधित देशों की सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सरकारों तक से इस पूरे मामले में बातचीत की जा चुकी है। पंजाब मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल बिगाड़ रहे लोगों पर नजर रखने वाली एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि जिस तरीके से किसान आंदोलन में विदेशों से एक एजेंडा चलाया गया उसी तरह पंजाब में इस वक्त अमृतपाल को लेकर टूलकिट एजेंडा चलाया जा रहा है। खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस मामले में सिर्फ अपने देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में माहौल खराब करने वालों की गिरफ्तारी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बनाया जा रहा है।

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खालिस्तान समर्थक लगातार दे रहे प्रोपेगैंडा को हवा

सूत्रों के मुताबिक, टूल किट से देश में माहौल खराब करने की विदेशी धरती से एक साजिश पिछले कुछ दिनों से की जा रही है। खुफिया एजेंसियो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल मामले में कनाडा अमेरिका और यूके समेत दुबई जैसे देशों से भी खालिस्तानी समर्थक संगठनों की ओर से माहौल खराब करने और अस्थिरता फैलाने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। कनाडा के ब्रैम्पटन में रह रहे वरिष्ठ पत्रकार जगतार सिंह कहते हैं जब भारत में ही खालिस्तान की मांग का कोई जनाधार नहीं है, तो कनाडा, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूके और दुबई जैसे देशों में चलाया जाने वाला अभियान महज प्रोपेगैंडा ही है। वो कहते हैं कि सिखों के कुछ संगठन लगातार खालिस्तान की मांग करते आए हैं लेकिन उसका सिख संगठनों की ओर से बड़े स्तर पर कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। वो कहते हैं कि जो लोग दुनिया के और देश के अलग-अलग कोनों में बैठकर इस अभियान को हवा दे रहे हैं वह सिर्फ युवा सिखों को बरगला रहे हैं बल्कि उनको पीछे भी धकेल रहे हैं।

इस पूरे मामले में नजर रखने वाली एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विदेश से पंजाब मामले को लेकर किए जाने वाले ट्वीट की माइक्रो लेवल पर मॉनिटर हो रही है। ट्वीट करने के साथ-साथ हैश टैग के माध्यम से अभियान चलाने वालों पर भी खुफिया एजेंसियां बारीकी से जांच रख रही है। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ समय में ऐसे कई अभियान और फेक ट्वीट की बाढ़ आई है जो कि पंजाब में माहौल खराब करने के लिए आगे बढ़ रहे थे। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी आधार पर इंटरनेट सेवाओं को पंजाब में बंद किया गया है ताकि माहौल खराब ना हो।

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