ओपी राजभर के बेटे ने टीवी पत्रकार को धमकाया: अरुण ने पत्रकार को ट्विटर पर लिखा- आपकी पिटाई भी होनी चाहिए, पुलिस से की शिकायत

Arun Ashok Srivastava

गाजियाबाद: दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव (ashok srivastava) ने सुहेल देव भारतीय समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर (Arun) के खिलाफ यूपी की गाजियाबाद पुलिस से शिकायत की हैं। पत्रकार का कहना हैं कि उन्होंने अखिलेश यादव के कार्यक्रम में एक पत्रकार की पिटाई का मुद्दा उठाया। इस बात पर अरुण राजभर ने श्रीवास्तव को धमकी दी।

क्या था मामला?

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी 29 जनवरी को गाजियाबाद में पहुंचे। उन्होंने एनएच-24 स्थित वेदांता फार्म हाउस में संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता की। इस दौरान गाजियाबाद में टीवी पत्रकार खालिद चौधरी सुरक्षा घेरे के अंदर अखिलेश यादव का इंटरव्यू करने घुस गए। सुरक्षाकर्मियों ने खालिद के साथ धक्का-मुक्की की। एक वीडियो में खालिद यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि मुझे क्यों पीट रहे हो।

Arun Ashok Srivastava

पत्रकार का ट्वीट- नई सपा या वही सपा:

दूरदर्शन के वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने 30 जनवरी को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जब सपा सरकार थी तब पत्रकार जगेंद्र को एक मंत्री के खिलाफ लिखने पर जला दिया गया था। आज गाजियाबाद में अखिलेश यादव के सामने उनके बॉडीगार्ड्स ने पत्रकार खालिद चौधरी की पिटाई की। नई सपा या वही सपा?’ अशोक श्रीवास्तव के इस ट्वीट का जवाब देते हुए ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने ट्वीट किया, ‘आपकी पिटाई भी होनी चाहिए, दलाली करने का अवार्ड आप जैसे पत्तलकारों को मिलना चाहिए।’

Arun Ashok Srivastava

राजभर के संबंध मुख्तार अंसारी से बताए:

पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने 31 जनवरी को इस मामले में अरुण राजभर के खिलाफ गाजियाबाद एसएसपी को लिखित शिकायत दी हैं। इसमें पत्रकार ने कहा हैं कि अरुण राजभर ने मुझे ट्विटर पर पीटने की धमकी दी और अपशब्दों का प्रयोग किया। पत्रकार ने शिकायत में कहा हैं कि अरुण राजभर के संबंध मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी-माफियाओं से हैं, इसलिए इस धमकी को गंभीरता से लेने की जरूरत हैं।

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पूर्व में किडनैप होने का दिया हवाला:

अपनी शिकायत में पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने यह भी बताया हैं कि वे गाजियाबाद के रहने वाले हैं। 2012 के यूपी चुनाव से पहले गाजियाबाद में कौशांबी से उन्हें 3 बंदूकधारियों ने किडनैप किया और 6 घंटे बाद रिहा किया था। यह मामला अब तक अनसुलझा हैं। इसलिए मुझे अपने व परिवार की सुरक्षा की भी चिंता हैं। उधर, कौशांबी थाने के इंस्पेक्टर सचिन मलिक का कहना हैं कि उनके थाने पर पत्रकार की शिकायत नहीं आई हैं हो सकता हैं कि उच्चाधिकारी अपने स्तर पर ही जांच करा रहे हों।

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