नई दिल्लीः सशस्त्र बलों को वन रैंक वन पेंशन (OROP) पॉलिसी के तहत बकाया पेंशन भुगतान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई हैं। बकाया भुगतान किस्तों में करने का आदेश जारी होने से नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा, हमारे आदेश का पालन करना होगा। अगर 15 मार्च तक भुगतान नहीं किया गया तो 09% की दर से ब्याज लगाया जाएगा। कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के पेंशन मामलों के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 09 जनवरी को OROP के कुल बकाया भुगतान के लिए केंद्र को 15 मार्च तक का समय दिया था। इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने 20 जनवरी को बकाया भुगतान 04 किस्तों में करने का पत्र जारी कर दिया, जिसे पूर्व सैनिकों ने कोर्ट में चुनौती दी। इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, हमने 15 मार्च तक का समय दिया था। आप किस्तों में भुगतान का आदेश कैसे दे सकते हैं?
मंत्रालय के पास समय बढ़ाने का एकतरफा अधिकार नहीं हैं। ये युद्ध नहीं, बल्कि कानून के शासन की बात हैं। अदालती प्रक्रिया की शुचिता बनी रहनी चाहिए। अगर रक्षा सचिव नोटिफिकेशन वापस नहीं लेते तो हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे।
देश में 22 लाख पेंशनभोगी
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एन वेंकटरमणी ने बताया कि करीब 22 लाख पेंशनभोगी हैं। सरकार करीब 08 लाख को 2500 करोड़ रु. भुगतान कर चुकी है। 31 मार्च तक बाकी का भुगतान एक बार में करने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या है वन रैंक वन पेंशन
वन रैंक वन पेंशन (OROP) का मतलब समान रैंक और समान अवधि की सेवा के लिए समान पेंशन हैं। इसमें सेवानिवृत्ति की तारीख के कोई मायने नहीं रह जाते। यानी अगर किसी अधिकारी ने साल 1985 से 2000 तक 15 साल सशस्त्र बलों में सेवा दी और एक अन्य अफसर साल 1995 से 2010 तक सेवा में रहे, तो दोनों को समान पेंशन मिलेगी। इससे 25 लाख पूर्व सैनिकों को फायदा होगा।
जुलाई 2019 से जून 2022 तक का बकाया भी दिया जाएगा
जानकारी के अनुसार, एक जुलाई साल 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को मिलाकर लाभार्थियों की संख्या 25 लाख पार हो चुकी हैं। इससे सरकार पर 8,450 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार पड़ेगा। संशोधन के बाद पेंशन योजना को जुलाई साल 2019 से जून 2022 तक का एरियर या बकाया भी दिया जाएगा। यानी कुल 23,638.07 करोड़ रुपए दिया जाएगा।
एरियर का भुगतान चार छमाही किश्तों में किया जाएगा। इसका लाभ सभी डिफेंस फोर्सेस से रिटायर होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा।