नई दिल्ली: ठंड (winter) बढ़ते ही आर्थराइटिस (arthritis) की परेशानी बढ़ जाती हैं। इस बीमारी में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होता हैं। समय से इसका इलाज बेहद जरूरी हैं, क्योंकि लंबे समय तक नजरअंदाज किए जाने की वजह से विकलांगता जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती हैं। आर्थराइटिस की वजह से व्यक्ति के काम करने की क्षमता प्रभावित होती हैं। साथ ही इसकी वजह से बीमार शख्स लगातार थकान और कमजोरी महसूस करता हैं। इसके कारण और बचाव पर बात कर रहे हैं ऑर्थोपैडिक सर्जन डॉ. शक्ति गोयल।
क्या हैं आर्थराइटिस?
डॉ. गोयल बताते हैं कि आर्थराइटिस को आम शब्दों में गठिया रोग कहते हैं। इसमें शरीर के जोड़ों में सूजन हो जाती हैं, जिसका दर्द, शरीर के एक या उससे ज्यादा हिस्सों को प्रभावित कर सकता हैं। ये परेशानी हेरिडेटरी (जन्म से), एक्वायर्ड (जन्म के बाद), ट्रॉमेटिक (चोट की वजह से), डीजेनेरेटिव (उम्र की वजह से) हो सकती हैं। जिन लोगों को उम्र के कारण यह समस्या होती हैं, उनमें 40 साल के बाद इसके लक्षण देखे जाते हैं। डॉ. गोयल कहते हैं कि आर्थराइटिस कई तरह के होते हैं, जिनमें ऑस्टियो और रूमेटाइड आर्थराइटिस महिलाओं में ज्यादा देखा जाता हैं, जबकि पुरुष अधिकतर गाउट आर्थराइटिस से परेशान पाए जाते हैं। मौजूदा समय में 30 साल की उम्र से ही महिलाओं को कैल्शियम सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती हैं। उम्र के कारण होने वाली यह बीमारी मसल्स के कमजोर होने, वजन बढ़ने या शरीर में कैल्शियम की कमी होने की वजह से भी हो सकती हैं।
दिक्कत की वजहें और क्या न करें?
बहुत ज्यादा देर उकडू बैठने (स्क्वैटिंग) की वजह से यह दिक्कत हो सकती हैं।
गलत पोस्चर अपनाकर बहुत भारी सामान उठाना दिक्कत में डाल सकता हैं।
घुटनों से जुड़ी एक्सरसाइज न करना भी एक कारण हैं।
स्पोर्ट्स में बेहद सक्रिय रहना आगे चलकर गठिया रोग की वजह बन सकता हैं।
एक पर एक पैर चढ़ाकर बैठने (क्रॉस लेग) की आदत भी आगे चलकर आर्थराइटिस का कारण बनती हैं।
फिजिकल कांटेक्ट (फुटबॉल, वॉलीबॉल) जैसे गेम्स के अलावा नॉन कांटेक्ट गेम्स (बैडमिंटन, टेबल टेनिस) भी खेलें।
सर्दी में क्यों बढ़ जाती हैं और परेशानी?
ठंड के मौसम में मांस-पेशियों में ऐंठन और कुछ सख्ती आ जाती हैं, जिसका असर जोड़ों पर पड़ता हैं। गिरते पारे के बीच बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ता हैं, जो ऑर्थोपैडिक का दर्द बढ़ने की वजह बनता हैं। इस मौसम में शरीर में विटामिन-डी की कमी भी जोड़ और हड्डियां को कमजोर करती हैं।