देश के 15 प्रधानमंत्रियों की जानकारी से तैयार किया गया प्रधानमंत्री म्यूजियम का PM Modi ने उद्धाटन किया। मोदी ने इस दौरान कहा कि इस म्यूजियम से लोग देश के बारे में जान सकेंगे। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एक-दो अपवाद को छोड़ दें, तो हमारे यहां लोकतंत्र को मजबूत करने की परंपरा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज जब युद्ध संकट में दुनिया घिरी हैं, तो हमारी ओर विश्वास की नजर से देख रही हैं।
पीएम ने म्यूजियम में एंट्री करते समय खुद टिकट भी खरीदा। वहीं म्यूजियम में पीएम मोदी की तस्वीर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सामने लगी हैं।
PM मोदी के भाषण की मुख्य बातें:
भारत के इतिहास की महानता से, भारत के समृद्धि काल से हम सभी परिचित रहे हैं। हमें इसका हमेशा बहुत गर्व भी रहा हैं। भारत की विरासत से और भारत के वर्तमान से, विश्व सही रूप में परिचित हो, ये भी उतना ही आवश्यक हैं।
एक दो अपवाद छोड़ दें तो हमारे यहां लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही हैं। इसलिए हमारा भी ये दायित्व हैं कि अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहें।
देश की भावी पीढ़ी जब इतिहास के बारे में जानेगी, तो उसे भविष्य को सुधारने का मौका मिलेगा।
राष्ट्रकवि दिनकर के कविता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा- प्रियदर्शन इतिहास कंठ में, आज ध्वनित हो काव्य बने। वर्तमान की चित्रपटी पर, भूतकाल सम्भाव्य बने।
2018 में हुई शुरूआत:
करीब 271 करोड़ रुपये की लागत से बने इस म्यूजियम में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन दर्शन को विस्तार से संग्रहित किया गया हैं। केंद्र सरकार ने इसे 2018 में मंजूरी दी थी। चार साल के भीतर ये बनकर तैयार हो गया।
ये संग्रहालय नेहरू म्यूजियम में करीब 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन पर बना हैं। भारत के संविधान को भी प्रधानमंत्री संग्रहालय में जगह दी गई हैं। ये संग्रहालय आजादी के बाद भारत की कहानी को अपने प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के जरिये बताएगा। इसमें भविष्य के सभी प्रधानमंत्रियों के लिए भी पर्याप्त जगह हैं।
सभी PM के बारें में जान सकेंगे लोग:
सरकार के मुताबिक, यह म्यूजियम देश के सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में लोगों के बीच अवेयरनेस पैदा करेगा। लोग उनके विजन के बारे में जान सकेंगे। प्रधानमंत्री संग्रहालय को देख कर युवा वर्ग कुछ नया सीखेंगे। वह देखेंगे कि इन प्रधानमंत्रियों ने कैसे राष्ट्र निर्माण के लिए तिनके तिनके को जोड़ा।
अब तक यहां सिर्फ नेहरू से जुड़ी यादें थीं:
तीन मूर्ति भवन के 45 एकड़ अहाते में बना भव्य प्रधानमंत्री संग्रहालय आजाद भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की पूरी कहानी लेकर तैयार हैं। जिस तीन मूर्ति भवन में अब तक पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से जुड़ी यादों का संग्रहालय था, अब वहां देश के सभी प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर और जय प्रकाश नारायण (JP) के व्यक्तित्व और कृतित्व को पेश किया गया हैं।
म्यूजियम से जुड़ी बड़ी बातें:
दिल्ली के तीन मूर्ति एस्टेट में स्थित म्यूजियम अब तक के सभी 15 भारतीय प्रधानमंत्रियों के जीवन और समय तथा उनके योगदान को प्रदर्शित करेगा।
इसका निर्माण नए भारत और को आकार देने की कहानी से प्रेरित हैं।
इसके डिजायन में टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं का ध्यान रखा गया हैं। परियोजना के दौरान एक भी पेड़ नहीं गिरा।
यह 271 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया हैं। 2018 में केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी थी।
म्यूजियम पूर्व प्रधानमंत्रियों की जानकारी उनके परिवारों और डिजिटल डिस्प्ले से भी इकट्ठा किया गया हैं।