नई दिल्ली: देश के 15वें राष्ट्रपति (President) का इंतजार आज खत्म हो जाएगा। 11 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। आज ही रिजल्ट घोषित हो जाएगा। बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई थी।
NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के बीच कहने को तो सीधा मुकाबला हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मु की जीत लगभग तय हैं। इसी के कारण बीजेपी ने देश के आदिवासी गांवों में जश्न की तैयारी कर ली हैं।
मुर्मू की जीत को लेकर आश्वस्त बीजेपी नतीजे आने के बाद दिल्ली में विजय जुलूस निकालेगी। ऐसा पहली बार होगा, जब राष्ट्रपति की जीत के बाद जुलूस निकाला जाएगा। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा राजपथ तक इस जुलूस की अगुआई करेंगे। वहीं भाषण देंगे। पहली बार आदिवासी महिला के राष्ट्रपति चुने जाने का श्रेय PM मोदी को देंगे। हालांकि, जुलूस में मुर्मू शामिल नहीं होंगी।
द्रौपदी की जीत से राजनीतिक मैसेज देने की तैयारी
द्रौपदी मुर्मू की जीत की घोषणा होते ही देशभर में जश्न शुरू हो जाएगा। द्रौपदी की जीत से BJP आदिवासी समुदाय सहित पूरे देश और खासतौर पर महिलाएं में खास संदेश देना चाहती हैं। जिससे मुख्य धारा से कटे इस समुदाय में राजनीतिक मैसेज जाए कि प्रधानमंत्री मोदी और BJP ही ऐसी पार्टी हैं जो सत्ता के लिए नहीं बल्कि देश के वंचित तबकों और वर्गों के लिए काम करते हैं।
यही वजह है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत के बाद पोस्टर में द्रौपदी मुर्मू के साथ किसी और नेता की तस्वीर न लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं। माना जा रहा हैं कि पार्टी राष्ट्रपति चुनाव से ही 2024 में होने वाले आम चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं।
इसलिए मुर्मू की जीत तय मानी जा रही
बीजेपी ने 21 जून को मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था, तब NDA के खाते में 5 लाख 63 हजार 825, यानी 52 फीसदी वोट थे। 24 विपक्षी दलों के साथ होने पर सिन्हा के साथ 4 लाख 80 हजार 748 यानी 44 फीसदी वोट माने जा रहे थे। बीते 27 दिन में कई गैर NDA दल समर्थन में आने से मुर्मू को निर्णायक बढ़त मिल गई। सभी 10 लाख 86 हजार 431 वोट पड़ते हैं तो मुर्मू को 6.67 लाख (61 फीसदी) से अधिक वोट मिलेंगे। सिन्हा के वोट घटकर 4.19 लाख रह गए। जीत के लिए 5 लाख 40 हजार 065 वोट चाहिए।
25 जुलाई को शपथ ग्रहण
आज वोटों की गिनती के बाद देश के नए राष्ट्रपति की घोषणा कर दी जाएगी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई की मध्य रात्रि को खत्म हो रहा हैं। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा।
द्रौपदी मुर्मू: जूनियर असिस्टेंट, टीचर रहीं… अब राष्ट्रपति का दायित्व
20 जून 1958 को ओडिशा के एक गांव के मुखिया के यहां जन्म हुआ। स्नातक तक पढ़ाई की।
1979 से 1983 तक सिंचाई विभाग में जूनियर असिस्टेंट बनीं। 1994 से 1997 तक शिक्षक रहीं।
1997 में राजनीति में उतरीं। रायरंगपुर नगर पालिका से भाजपा पार्षद बनीं। चेयरपर्सन भी बनीं।
पति बैंक कर्मचारी थे। पति और दो बेटों की मौत के बाद बेटी इतिश्री मुर्मू ही हैं। इति भी बैंक कर्मचारी हैं।
सबसे अधिक अंतर से जीते राष्ट्रपति
साल- 1957
राष्ट्रपति- राजेंद्र प्रसाद
पक्ष में- 99.3%
विरोध में- 0.4%
President Election 18 जुलाई को होगा, 21 तारीख को नतीजा, निर्वाचन आयोग ने जारी किया शेड्यूल
सबसे कम अंतर से जीते राष्ट्रपति
साल- 1969
राष्ट्रपति- वीवी गिरि
पक्ष में- 50.2%
विरोध में- 48.7%