कहानी: नौकरी से रिटायरमेंट यानी आराम, आराम और आराम….बस अब दुनिया के हर दिन को खूब इंजॉयमेंट से जियो। लेकिन जो आदमी अपने जीवन के कई साल सिर्फ नौकरी में बिता देता हैं उसे यह बेहद मुश्किल होता हैं। यही हैं फिल्म शर्मा जी नमकीन Sharmaji Namkeen। यह फिल्म बीजी शर्मा यानी ऋषि कपूर/ परेश रावल की। जिन्हें कंपनी रिटायर कर देती हैं, शर्मा जी की पत्नी का भी निधन हो चुका हैं। रिटायर हुए तो हर किसी की सलाह हैं कि आराम करिए शर्मा जी। लेकिन शर्मा जी की आदत में आराम नाम का शब्द ही नहीं हैं।
शर्मा जी को खाना पकाने का बेहद शौक रहता हैं और वह खाना भी अच्छा ही बनाते हैं। इसी बीच वह एक महिलाओं के ग्रुप के संपर्क में आते हैं और उनके लिए कुकिंग करने लगते हैं। मुश्किल हुई जब उनके इस काम के बारे में बेटे संदीप उसकी गर्लफ्रेंड उर्मी और उनके दोस्त को पता चलता हैं। यहीं से फिल्म की नमकीन कहानी आगे बढ़ती हैं।
एक्टिंग और डायरेक्शन:
फिल्म में जहां आप ऋषि कपूर को देखकर खुश होंगे, तो वहीं उनके न होने का एहसास आपको दुखी भी कर सकता हैं। फिल्म में ऋषि कपूर जिस चाव से खाना बनाते हैं, वो दिल को छूता हैं। हालांकि ऋषि जी के जाने के बाद फिल्म को पूरा करने के लिए शर्माजी के किरदार में परेश रावल भी दिखेंगे। परेश ने यह एहसास दिलाया हैं कि ऋषि के किरदार को वही पूरा कर सकते हैं। बाकी कैरेक्टर सतीश कौशिक, सुहैल नय्यर, जूही चावला और ईशा तलवार ने भी अपने रोल को अच्छे से जिया हैं। निर्देशन में थोड़ी कसावट की जरूरत हैं, लेकिन कैरेक्टर्स की वजह से उस पर ध्यान कम ही जाता हैं।
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कहानी:
शर्मा जी नमकीन की कहानी काफी खास हैं। वैसे यह कहानी भारत के हर मध्यम वर्गीय परिवार को जोड़ती हैं। क्योंकि हम सभी के घरों में एक शर्मा जी हैं या आने वाले हैं। रिटायरमेंट के बाद आपके प्रति समाज का नजरिया बदलता हैं। फिल्म के किरदारों को इतना अच्छा लिखा हैं कि आप अपनी रियल लाइफ में भी उनसे कनेक्ट कर पाएंगे।
कनक्लूजन:
शर्माजी नमकीन आपको देखना चाहिए। हां फिल्म में एक्शन या सस्पेंस तो नहीं हैं, लेकिन रिश्तों समाज और इंसान को लेकर फिल्म में एक महत्वपूर्ण संदेश हैं।