कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक और वैक्सीन ZyCoV-D की सप्लाई शुरू हो गई हैं। खास बात ये हैं कि यह वैक्सीन निडिल फ्री Needle Free हैं यानी इसे लगवाने के लिए किसी प्रकार की सुई चुभने का दर्द सहन नहीं करना होगा। हालांकि अब तक बाजार में आई अन्य कोरोना वैक्सीन की तरह इसके दो नहीं बल्कि तीन डोज लगाए जाएंगे। यह दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन हैं, जो डीएनए बेस्ड और निडिल फ्री हैं।
इस वैक्सीन को अहमदाबाद की फॉर्मा कंपनी जायडस कैडिला ने तैयार किया हैं। बुधवार से कंपनी ने इसकी सप्लाई केंद्र सरकार को शुरू कर दी। केंद्र सरकार ने फिलहाल इसकी 1 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया हैं। यह वैक्सीन उन लोगों को लगाई जाएगी, जिन्हें अब तक किसी भी वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लगा हैं।
उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब समेत सात राज्यों को भी सप्लाई शुरू:
कंपनी ने ZyCOV-D वैक्सीन की सप्लाई केंद्र सरकार के साथ ही सात राज्यों को भी इसकी सप्लाई देनी शुरू कर दी हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब और झारखंड शामिल हैं।
कंपनी इसे जल्द ही खुले बाजार में मेडिकल स्टोर्स पर भी बिक्री के लिए उतारेगी। इसकी कीमत 265 रुपए रखी गई हैं, जबकि 93 रुपए का एप्लीकेटर (इस वैक्सीन को लगाने वाला उपकरण) अलग से खरीदना होगा। इस तरह इसकी कुल कीमत 358 रुपए होगी।
12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए हैं वैक्सीन:
ZyCoV-D को फिलहाल सात राज्यों के लोगों को ही लगाया जाएगा। यह पहली ऐसी वैक्सीन हैं, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को लगाने की मंजूरी दी हैं। देश में 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए पहली कोरोना रोधी वैक्सीन के तौर पर DCGI ने अगस्त 2021 में इसके इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी थी। बाद में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को भी बच्चों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई।
जायडस ने इस वैक्सीन का 28 हजार वॉलंटियर्स पर टेस्ट किया था। इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर कंपनी का दावा हैं कि कोरोना के खिलाफ इस वैक्सीन का असर 66.60% रहा हैं।
28 दिन के अंतराल पर लगेंगी तीन डोज:
ZyCoV-D के तीन डोज लगेंगे। ये तीनों डोज 28 दिन के अंतर पर लगाए जाएंगे यानी पहली डोज और तीसरी डोज के बीच 56 दिन का अंतर होगा। इसे 2-8 डिग्री टेम्परेचर पर स्टोर किया जा सकता हैं। कंपनी ने सालाना 10 से 12 करोड़ डोज तैयार करने की प्लानिंग की हैं।
नॉर्मल सिरिंज नहीं, जेट एप्लीकेटर की मदद से लगेगी ये वैक्सीन:
ZyCoV-D का डोज सामान्य वैक्सीन सिरिंज के बजाय एक डिस्पोजेबल जेट एप्लीकेटर या फार्मा जेट इंजेक्टर की मदद से दिया जाएगा। यह एक ऐसी डिवाइस हैं, जो स्टेपलर के डिजाइन की होती हैं। जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल अमेरिका में सबसे ज्यादा होता हैं। इससे वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता हैं। वहीं, आमतौर पर जो निडिल इंजेक्शन यूज होते हैं, उनसे फ्लूड या दवा मसल्स में जाती हैं। जेट इंजेक्टर में प्रेशर के लिए कंप्रेस्ड गैस या स्प्रिंग का इस्तेमाल होता हैं।
जेट इंजेक्टर से वैक्सीन लगाने का क्या फायदा हैं?
सबसे पहला फायदा तो यही हैं कि इससे लगवाने वाले को दर्द कम होता हैं, क्योंकि ये आम इंजेक्शन की तरह आपके मसल के अंदर नहीं जाती। दूसरा फायदा ये कि इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा निडिल वाले इंजेक्शन की तुलना में काफी कम होता हैं।