नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के नए 05 जजों को आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई।
नए जजों के बारे में जानिए…
जस्टिस पंकज मित्तल
राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस थे। इससे पहले वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस थे। मित्तल को साल 1985 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में शामिल किया गया था।
जस्टिस संजय करोल
नवंबर 2019 से पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले, उन्हें त्रिपुरा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। वह हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर काम कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट के नए 5 जजों को आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण सुबह 10:30 बजे से होगा। SC के नए जज के रूप में शपथ लेने वाले तीन चीफ जस्टिस जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पीवी संजय कुमार होंगे। इसके अलावा दो जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम भी शामिल है।
जस्टिस पीवी संजय कुमार
साल 2021 से मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इससे पहले वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में भी जस्टिस के रूप में काम किया है। संजय कुमार को अगस्त साल 1988 में आंध्र प्रदेश की बार काउंसिल के मेंबर के रूप में शामिल किया गया था।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। साल 2011 में पटना हाईकोर्ट में जस्टिस बनकर पहुंचे, फिर साल 2021 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया। इसके बाद, उन्हें जून साल 2022 में दोबारा पटना हाईकोर्ट में भेजा गया। जस्टिस अमानुल्लाह को सितंबर साल 1991 में बिहार स्टेट बार काउंसिल में शामिल किया गया था।
जस्टिस मनोज मिश्रा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस हैं। उन्होंने साल 2011 में जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में अभ्यास किया हैं।
सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम क्या हैं?
जिस कॉलेजियम पर यह पूरा विवाद हो रहा हैं, वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर की प्रणाली हैं। कॉलेजियम के सदस्य जज ही होते हैं। वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नए जजों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव भेजते हैं। मंजूरी मिलने के बाद जजों को अपॉइंट किया जाता हैं।
देश में कॉलेजियम सिस्टम साल 1993 में लागू हुआ था। कॉलेजियम में 05 सदस्य होते हैं। CJI इसमें प्रमुख होते हैं। इसके अलावा 04 मोस्ट सीनियर जज होते हैं। अभी इसमें 06 जज हैं।