Kashmir में गूंजेगी ‘वंदे भारत ट्रेन’ की छुक-छुक

The sound of 'Vande Bharat train' will reverberate in Kashmir

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे के विकास के पहिए अब कश्मीर घाटी (Kashmir) की और तेजी से रुख कर रहे हैं। आजादी के बाद बाकी राज्यों की तरह जम्मू कश्मीर में रेलवे का उतना विकास नहीं हो पाया जितना होना चाहिए था। कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी में मिल के पत्थर बने चिनाब ब्रिज और उस पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन की खूब चर्चा हो रही है। ऐसे में वो दिन अब दूर नहीं जब घाटी में लोगों को वंदे भारत की छुक-छुक की गूंज भी सुनाई देगी। बता दें, चिनाब ब्रिज दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में से एक और देश का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इसी पुल से होकर वंदे भारत कश्मीर को देश से जोड़ने का काम करेगी।

विज्ञान का एक अजूबा

The sound of 'Vande Bharat train' will reverberate in Kashmir

कश्मीर की हसीन वादियों में इसे विज्ञान का एक अजूबा कहा गया है। 1,315 मीटर लंबा, नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बना और 467 मीटर के आर्च से सजा ये पुल आइफिल टावर और स्टेच्यू ऑफ यूनिटी जैसी इमारतों से भी ऊंचा है। चिनाब नदीं पर बने इस ब्रिज को उत्तर रेलवे और केआरसीएल के संरक्षण में तैयार किया गया है। इस पुल को बनाने में करीब 25 हजार टन मैटल यूज किया गया है जो कि आईफिल टावर से भी तीन गुना ज्यादा है।

चिनाब ब्रिज का खास आकर्षण का केंद्र उसका ‘आर्च’ है, जिसे तैयार करने में इंजीनियरों को करीब ढाई साल का वक्त लगा। इसे केवल क्रेन्स की मदद से तैयार किया गया है। इस पुल में सिर्फ खूबसूरती पर ही नहीं बल्कि तमाम पहलुओं पर भी ध्यान रखा गया है। ये माइनस 20 डिग्री के तापमान को और 260 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं को आसानी से झेल सकेगा। इसका स्ट्रक्चर इतना मजबूत है कि 2001 के गुजरात भूंकप जैसे हाई मैग्निट्यूड भूकंप का भी सामना कर लेगा।

रियासी डिस्ट्रिक्ट में बना यह पुल न सिर्फ कौरी और बक्कल गांव को जोड़ेगा बल्कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक सीधी रेलसेवा शुरू करने में भी मददगार साबित होगा। चिनाब ब्रिज सिर्फ यातायात के बेहतर रास्ते ही नहीं खोलेगा बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में तेजी लाने का जरिया भी बनेगा। आने वाले वक्त में इसी ब्रिज से होकर वंदे भारत कश्मीर घाटी की खूबसूरती देखने को मौका देगी।

इंतजार जल्द होगा खत्म

ऐसे में यदि आप जम्मू-कश्मीर घूमना चाहते हैं तो वंदे भारत ट्रेन का आपका इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली रेल लाइन जल्द पूरी हो जाएगी। साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में अगले साल तक विशेष वंदे भारत ट्रेन संचालित की जाएगी।

खुद रेल मंत्री ने दिया संकेत

इसका संकेत खुद रेल मंत्री ने दिया है। कश्मीर घाटी में चिनाब ब्रिज दौरे के दौरान यूएसबीआरएल परियोजना से जुड़ी कई अहम जानकारियां मीडिया के साथ साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जल्द ही कश्मीर घाटी को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने एवं वंदे भारत ट्रेन सेवा शीघ्र शुरू की जाएगी।

उधमपुर-श्रीनगर बारामुला रेल लिंक कुल 272 किलोमीटर लंबा

बताना चाहेंगे कि उधमपुर-श्रीनगर बारामुला रेल लिंक कुल 272 किलोमीटर लम्बा है। वहीं कटड़ा से बनिहाल की दूरी 111 किलोमीटर है। संभावना है कि श्रीनगर को जोड़ने वाली उधमपुर-बनिहाल लाइन इस साल दिसंबर या अगले साल की शुरुआत तक पूरी हो जाएगी। इसी के साथ कश्मीर में रेलवे कनेक्टिविटी का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

किसी भी राज्य के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक बन चुकी है वंदे भारत

वंदे भारत ट्रेन आज किसी भी राज्य के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक बन चुकी है। दरअसल, इस ट्रेन के जरिए राज्य के पर्यटकों के समक्ष राज्य की अच्छी छवि जो तैयार होती है। केवल इतना ही नहीं, वंदे भारत ट्रेन आज कई राज्यों के पर्यटन को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो रही है। इस ट्रेन में मिलने वाली तमाम सुविधाएं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

खास तरह की वंदे भारत ट्रेन तैयार

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन पर अच्छी प्रगति नजर आ रही है। चिनाब और अंजी पुलों और प्रमुख सुरंगों के निर्माण के लिए भी काम तेजी से चल रहा है और इनमें अच्छी प्रगति के संदेश मिले हैं। इस लाइन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत ट्रेन तैयार की जा रही है। इस विशेष ट्रेन के निर्माण के क्रम में तापमान, बर्फ जैसी हर चीज को ध्यान में रखा गया है। इसका लाभ जम्मू-कश्मीर में आने वाले सभी सैलानियों को होगा। इसके जरिए सैलानी घाटी की खूबसूरती को भी निहार सकेंगे।

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