संकट मिटाने के लिए ‘अमिताभ नम:’ का जाप भी किया जाता है यहां

Amitabh Bachchan

नई दिल्ली: सिनेमा जगत के शहंशाह अमिताभ बच्चन उम्र की उस दहलीज पर खड़ें हैं जिसे रिटायरमेंट की उम्र कहा जाता है और ज्यादातर लोग घर बैठकर आराम करना पसंद करते हैं। ऐसे में बिग बी ने अपने काम करने के जुनून से यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो उम्र मायने नहीं रखती।

मालूम हो कि महानायक के फैंस उन्हें दिल से भगवान मानते हैं और इसे साबित करने के मकसद से बिग बी का मंदिर बनवाकर बाकायदा उनकी आरती और चालीसा गाकर उन्हें पूजते हैं।

79 पक्तियों का चालीसा और अमिताभ स्पेशल मंत्र गाकर पूजा जाता है बिग बी को इंडस्ट्री के महानायक अमिताभ बच्चन उनके फैंस के लिए भगवान की तरह हैं। ऐसा वो साबित भी कर चुके हैं। कोलकाता में अमिताभ बच्चन फैंस एसोसिएशन की ओर से कई वर्षों पहले अमिताभ बच्चन का मंदिर बनवाया गया है। इस मंदिर में अमिताभ बच्चन की उनके कद से थोड़ी बड़ी मूर्ती भी रखी गई है। बता दें यह मंदिर दक्षिण कोलकाता के श्रीधर राय रोड़ के बोंदेल गेट इलाके में है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर रोज इस मंदिर में फैंस अमिताभ की 06 मिनट की फिल्मी आरती गाई जाती है। यहीं नहीं आरती से पहले 09 पन्ने की खास अमिताभ चालीसा भी पढ़ी जाती है। 79 लाइनों वाली ये चालीसा बिग बी के स्ट्रगल और अचीवमेंट्स के किस्सों पर आधारित है। यही नहीं संकट मिटाने के लिए ‘अमिताभ नम:’ का जाप भी किया जाता है।

अग्निपथ मूवी में पहने गए जूतों की पूजा होती है

कोलकाता में बने अमिताभ बच्चन के इस मंदिर को देखने के लिए देश विदेशों से लोग आते हैं। इस मंदिर में
अमिताभ के कद से भी ऊंची उनकी प्रतिमा बनाई गई है। अलावा इसके मंदिर में बिग बी द्वारा अग्निपथ में पहने गए उनके सफेद जूतों की भी पूजा की जाती है। मंदिर में उनकी एक मूर्त को उस कुर्सी पर बिठाया गया है जिसका इस्तेमाल उन्होंने अक्स मूवी में किया था। हर साल उनके जन्मदिन पर पूजा के साथ-साथ उनकी कुशलता के लिए हवन भी करवाया जाता है। एक और खास बात, इस मंदिर में हमेशा अमिताभ की पूजा से पहले उनके माता-पिता की पूजा की जाती है।

मंदिर बनने को लेकर ऐसा था बिग बी का रिएक्शन

बता दें इस मंदिर के संस्थापक संजय पटोदिया नाम के शख्स हैं। इस मंदिर के जरिए वह कई लोक भलाई के काम भी कर चुके हैं, जैसे कि कॉविड काल में बिग बी के जन्मदिन के मौके पर मंदिर में उनकी पूजा के बाद गरीबों को मास्क और सैनेटाइजर बांटे गए थे। बता दें जब अमिताभ बच्चन को ये पता चला था कि उनका मंदिर बनाया गया है तो उनकी आंखें भर आई थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमिताभ ने उनका मंदिर बनाने को लेकर संजय पटोदिया को चिट्ठी भी लिखी थी और कहा था- मुझे इसान ही रहने दो भगवान का दर्जा मत दो।

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