UP में कुल 3100 केस, जीनोम सीक्वेंसिंग 205 की: ज्यादातर संक्रमितों के तो सैंपल अभी भेजे ही नहीं

sequencing Samples

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ओमिक्रॉन की लहर आ चुकी है। यहां 15 फीसदी मरीज ओमिक्रॉन वैरिएंट ( Omicron Variants) से संक्रमित मिले हैं। अब तक कुल 205 सैंपल (Samples) सीक्वेंसिंग (sequencing) के लिए भेजे गए थे, इसमें 31 में ओमिक्रॉन मिला हैं। यूपी के 11 जिले ओमिक्रॉन की चपेट में आ चुके हैं। मंगलवार को एक ही दिन में 23 संक्रमितों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई। इसी के साथ इस नए वैरिएंट की जद में आए कुल मरीजों की संख्या 31 तक पहुंच गई।

सरकार के लिए अभी भी सबसे बड़ा चैलेंज ओमिक्रॉन वैरिएंट को ट्रेस करना हैं। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामले 3,173 हैं, पर जीनोम सीक्वेंसिंग महज 205 की ही हो पाई हैं। बाकी के पॉजिटिव मरीजों के सैंपल कितने दिन में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे, इस सवाल का भी सटीक जवाब महकमे के जिम्मेदार अफसरों के पास नहीं है।

वहीं, मंगलवार को टीम 9 की बैठक में सीएम योगी ने जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने के निर्देश देते हुए जल्द ही SGPGI के अलावा गोरखपुर मेडिकल कॉलेज, झांसी व गाजियाबाद मेडिकल कॉलेज में भी इसे शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

एक ही दिन में 23 ओमिक्रॉन संक्रमित मिले:

यूपी में 17 दिसंबर को ओमिक्रॉन से संक्रमित पहले मरीज गाजियाबाद में पाए गए थे। इसके बाद रायबरेली, मुजफ्फरनगर और मेरठ में भी इसके मरीज सामने आए। मंगलवार को 23 संक्रमितों की रिपोर्ट ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाई। सबसे ज्यादा लखनऊ में 8,मेरठ में 5, गाजियाबाद में 3, मुरादाबाद में 2, कानपुर में 2, आगरा में 2 व महाराजगंज में एक संक्रमित पाया गया हैं।

प्रदेश में कोरोना के 3,173 सक्रिय मरीज:

कोविड स्टेट सर्विलांस अफसर डॉ. विकासेंदु अग्रवाल के मुताबिक प्रदेश में अब तक 205 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आ चुकी हैं। पॉजिटिव केस में और अब तक हुए जीनोम सीक्वेंसिंग की संख्या में भारी अंतर के सवाल डॉ. विकासेंदु का तर्क हैं कि सीक्वेंसिंग सिर्फ ऐसे ही सैंपल की हो पाती हैं जिसकी CT वैल्यू 25 से कम हो। इसके अलावा कई बार तमाम अन्य कारणों से भी कलेक्ट किए गए सैंपल की सीक्वेंसिंग होने में तकनीकी अड़चन होती हैं। हालांकि, वह यह भी कहते हैं कि करीब 2 हजार मरीज बीते 3 दिनों में आए हैं, इसीलिए उनके सैंपल भी अब भेजे जा रहे हैं।

डॉ. विकासेंदु अग्रवाल की मानें तो औसतन 5 से 7 दिनों के भीतर सभी कोविड संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट आ रही हैं। सैंपल नजदीक के सेंटर या फिर जहां कही सीक्वेंसिंग होनी हैं, वहां भेजे जाते हैं। फिलहाल प्रदेश में 2 सेंटर पर यह जांच हो रही हैं। इसके अलावा दिल्ली में भी कई सेंटर पर यह सुविधा उपलब्ध हैं, इसीलिए वहां भी सैंपल भेजे दिए जाते हैं।

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अभी तक सिर्फ यहां हो रही यूपी के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग (Samples) :

1.NBRI – नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ

2.CDRI – सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ,

4.NCDC, नई दिल्ली – नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल- दिल्ली

4.ILBS, नई दिल्ली,

4.IGIB, नई दिल्ली

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