कीव/मॉस्को: रूस-यूक्रेन जंग Ukraine attack को आज 19 दिन हो गए हैं। अब यूक्रेन के पश्चिमी इलाके में भी लड़ाई तेज हो गई हैं, जो अब तक ‘सेफ हैवन’ बना हुआ था। रूसी सेना ने रविवार को NATO के सदस्य देश पोलैंड के बॉर्डर से महज 12 मील दूर यावोरिव में एक मिलिट्री ट्रेनिंग बेस पर क्रूज मिसाइलें दागकर 35 लोगों को मार दिया, जबकि 134 घायल हैं। रूस ने हमले में 180 विदेशी लड़ाकों को मारने का दावा किया हैं।
उधर, सदर्न पोर्ट सिटी माएकोलेव में भी रूसी एयर स्ट्राइक में 9 आम नागरिकों के मरने और दर्जन भर से ज्यादा के घायल होने का दावा रीजनल गवर्नर ने किया हैं। स्पुतनिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन और रूस के अधिकारी आज फिर से शांति वार्ता करेंगे। यह बातचीत वीडियो कॉल के जरिए होगी।
ताजा अपडेट्स:
यूक्रेन के इरपिन शहर में रूसी सेना की गोलीबारी में अमेरिकी पत्रकार ब्रेंट रेनॉड की मौत हो गई। वहीं, उनके साथी पत्रकार जुआन अर्रेडोंडो घायल हो गए। 51 साल के रेनॉड अवॉर्ड विनिंग फिल्ममेकर भी थे।
AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मॉस्को में यूक्रेन पर हमले के खिलाफ रविवार को बहुत बड़ा प्रदर्शन किया गया। रूसी पुलिस ने इसमें शामिल 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया हैं।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन समेत कई शहरों में यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे। यूक्रेन के झंडे और ‘नो वॉर’ व ‘पीस’ जैसे स्लोगन लिखे बैनर लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ ने रूस से तत्काल यूक्रेन पर हमला बंद करने की अपील की।
रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव ने रविवार को कहा कि विदेशी प्रतिबंधों से करीब 2.30 लाख करोड़ रुपए का फंड फ्रीज हो गया हैं। यह फंड रूसी सरकार के 4.91 लाख करोड़ रुपए के रेनी-डे फंड का हिस्सा था।
यूक्रेन के मानव अधिकार निगरानी समूह ने रूस पर पोपसाना शहर में फास्फोरस बम से हमला करने का आरोप लगाया हैं। हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी हैं।
रूस ने चीन से मांगे मिलिट्री इक्विपमेंट:
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन में अपनी लड़ाई तेज करने के लिए चीन से मिलिट्री इक्विपमेंट मांगे हैं। अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी मांगा हैं, ताकि अमेरिका, यूरोप व एशियाई देशों की तरफ से लगाए प्रतिबंधों से अपनी इकोनॉमी को बचा सके।
आज का सबसे बड़ा डेवलपमेंट- के NATO के दरवाजे तक जंग:
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लीव शहर के करीब हमले का शिकार हुआ मिलिट्री बेस इंटरनेशनल पीस कीपिंग सेंटर था, जहां अमेरिकी सेना एक महीने पहले तक यूक्रेन के सैनिकों को ट्रेनिंग दे रही थी। रूस ने यहां 30 से ज्यादा क्रूज मिसाइल दागी हैं। यूक्रेन सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया हैं और एक बार फिर NATO से यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भी हमले की पुष्टि की हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने 180 विदेशी लड़ाके मारे हैं, जो यूक्रेन की तरफ से लड़ने आए थे। रूसी सेना ने यह हमला अपनी उस चेतावनी के एक दिन बाद किया हैं, जिसमें उसने यूक्रेन को अमेरिका व अन्य देशों से मिलने वाले हथियारों को निशाना बनाने की बात कही थी।
Attack रोकने की कोशिशों पर यूक्रेन को क्या उम्मीद हैं, पढ़िए:
रूस की तरफ से रविवार को कई घातक हमलों के बावजूद यूक्रेन और रूसी अधिकारियों ने बयानबाजी में सतर्कता दिखाई हैं, क्योंकि दोनों देश सोमवार को एक बार फिर शांति वार्ता की टेबल पर बैठेंगे। यह शांति वार्ता ऐसे माहौल में हो रही हैं, जब लगातार बढ़ रहे प्रतिबंधों और हमले के खिलाफ रूस के अंदर तेज हो रहे प्रदर्शनों के कारण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की स्थिति में थोड़े बदलाव के सबूत सामने आए हैं।
यूक्रेन के प्रेसिडेंशियल एडवाइजर और कीव के शांति वार्ता प्रतिनिधिमंडल के मेंबर मिखाइलो पोडोल्याक ने कहा, रूस यूक्रेन की स्थिति को लेकर ज्यादा संवेदनशील हो रहा हैं। रविवार को एक टेलीग्राम वीडियो में पोडोल्याक ने कहा, यूक्रेन अब भी सीजफायर और रूसी सैनिकों की पूरी तरह वापसी की मांग कर रहा हैं। हमें लगता हैं कि अगले कुछ दिन में वार्ता किसी निर्णायक परिणाम पर पहुंच जाएगी।