आगरा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान Voting के बाद अब आरोपों का दौर शुरू हो गया हैं। विपक्षी दलों के प्रत्याशी चुनाव कर्मियों पर सत्ताधारी दल के पक्ष में काम करने का आरोप लगा रहे हैं। मतदान के बाद भी मतदाताओं के मन की बात प्रत्याशियों की समझ में नहीं आ रही हैं। जीत किसके पक्ष में जा रही हैं, यह अंदाजा नहीं लग पाने से प्रत्याशी घनचक्कर बने हैं। सभी प्रत्याशी समर्थकों से फीडबैक feedback लेने में जुटे हुए हैं।गुरुवार को पहले चरण का मतदान पूरा हो गया। इस दौरान आगरा की हर विधानसभा में विपक्षी दलों के प्रत्याशी फर्जी वोटिंग और सत्ता धारी दल के प्रत्याशियों पर दबंगई का आरोप लगा रहे हैं। कुछ सीटों पर तो विपक्षी दलों द्वारा चुनाव आयोग को शिकायत भी गई हैं। आगरा छावनी से सपा के कुंवरचंद वकील, ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी उपेंद्र सिंह, फतेहपुर सीकरी से रालोद के ब्रजेश चाहर और दक्षिण से बसपा प्रत्याशी रवि भारद्वाज ने मतदानकर्मियों द्वारा सत्ताधारी दल के लोगों के साथ मिलकर फर्जी मतदान का आरोप लगाया हैं।
![Voting feedback](https://newzcities.in/wp-content/uploads/2022/02/img-20220211-wa0020_1644555754-1024x461.jpg)
बाह तहसील में बसपा प्रत्याशी नितिन वर्मा ने भाजपा की रानी पक्षालिका पक्ष के लोगों द्वारा खुलेआम दबंगई के दम पर उनके पक्ष में मतदान करने वाले दलित समाज के वोटरों की पर्चियां फाड़ने और उन्हें वोट डालने न जाने देने का आरोप लगाया हैं। मामले में भाजपा के शहर अध्यक्ष भानु महाजन का कहना हैं की सर्व समाज ने राष्ट्रहित में भाजपा को वोट किया हैं।
किस तरफ गया वोटर, सोचकर प्रत्याशी हुए घनचक्कर:
चुनाव के पहले चरण के मतदान में दलित समाज और स्वर्ण किस तरफ गया हैं, यह अंदाजा नहीं लग पा रहा हैं। मुस्लिम वोटरों ने एकतरफा एक क्षेत्रीय पार्टी को वोट देकर दूसरी क्षेत्रीय पार्टी के प्रत्याशियों के आंकड़े खराब कर दिए हैं। इसका फायदा सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशियों को हुआ हैं। वोटरों ने अपने मन की बात को सार्वजनिक नहीं किया हैं और इसी कारण राजनैतिक विश्लेषक भी अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पा रहे हैं।